
हाइलाइट्स :
सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
राष्ट्रीय संगोष्ठी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया संबोधित
हर किसान को आज वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए बीज उपलब्ध नहीं हैं: शाह
दिल्ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरूवार को भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) के द्वारा आयोजित 'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया।
भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) के द्वारा आयोजित 'सहकारी क्षेत्र में उन्नत व पारंपरिक बीजोत्पादन' पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, "आने वाले दिनों में भारत के बीज संरक्षण, बीज संवर्धन और बीज के अनुसंधान, इन तीनों क्षेत्रों को परिपूर्ण बनाने के लिए इस संस्थान (भारतीय बीज सहकारी समिति) का बहुत बड़ा योगदान रहने वाला है। देश के हर किसान को आज वैज्ञानिक रूप से तैयार किए गए बीज उपलब्ध नहीं हैं। बीज की अनुपलब्धता से किसान का तो नुकसान है ही बल्कि हमारे देश का भी नुकसान है क्योंकि हमारे अन्न उत्पादन पर इसका सीधा असर पड़ता है।"
हमारी जिम्मेदारी है कि इस विशाल देश के हर किसान के पास प्रमाणिक बीज पहुंचे और वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया हुआ बीज पहुंचे। ये काम भी यही सहकारी समिति करने वाली है इसका मुझे पूरा विश्वास है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
केंद्र सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने का प्रयास कर रही है, इसके तहत कई प्रकार के प्रभावशाली कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास के दुनिया भर में मिलेट को एक नई पहचान और नया बाजार मिला है। भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है क्योंकि ज्वार, बाजरा और रागी के अच्छे किस्म के बीज सिर्फ भारत ही दे सकता है।
दुनिया में और किसी देश के पास इसके बीज नहीं हैं। ऐसे में भारत इसे बीज के बाजार और अन्य उत्पादों पर अपनी मोनोपॉली स्थापित कर सकता है, इसमें कॉपरेटिव अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आज एक प्रकार से देश के किसान, देश की सहकारिता आंदोलन औऱ देश के अन्न उत्पादन की दृष्टि में एक महत्वपूर्ण दिन है। कोई भी शुरुआत कहां जाकर रुकती है यह कहना मुश्किल होता है।
अमित शाह ने अमूल डेयरी का उदाहरण देते हुए बताया कि, गुजरात के आंणद कस्बे में त्रिभुवन दास पटेल ने 51 किसानों के साथ एक दुग्ध कॉपरेटिव की शुरुआत की थी, आज वो एक 60 हजार करोड़ की कंपनी है. उन्होंने कहा कि आज एक छोटी सी शुरुआत आने वाले दिनों में भारत में बीज संरक्षण, बीज संवर्धन औऱ बीज अनुसंधान के क्षेत्र में बीज सहकारी समिति लिमिटेड का बड़ा योगदान रहने वाला है।
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