सहकारिता समिति के सदस्यों को क्रेडिट कार्ड सुविधा शुरू : अमित शाह
सहकारिता समिति के सदस्यों को क्रेडिट कार्ड सुविधा शुरू : अमित शाहRaj Express

सहकारिता समिति के सदस्यों को क्रेडिट कार्ड सुविधा शुरू : अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि सहकारिता खास कर दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा आज से शुरु कर दी गई है।

हाइलाइट्स :

  • आज नाबार्ड का 42वां स्थापना दिवस।

  • दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा शुरु।

  • गुजरात में प्रयोग के तौर पर लिया गया निर्णय।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सहकारिता खास कर दुग्ध व्यवसाय से जुड़े किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा आज से शुरु कर दी गई है।

अमित शाह ने नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप मे संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात की एक महिला दुग्ध व्यवसाई किसान की शिकायतों के बाद गुजरात में प्रयोग के तौर पर यह निर्णय किया गया है।

उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुड़े दुग्ध व्यवसायियों को सप्ताह में भुगतान होता है। इस स्थिति में जरूरत होने पर किसान निजी संस्थाओं से 30 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेकर अपना कार्य चलाते हैं।

अमित शाह ने कहा कि लगभग 65 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या वाले भारत की कल्पना नाबार्ड के बिना की ही नहीं जा सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग चार दशकों में नाबार्ड ने इस देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर, कृषि, कोऑपरेटिव संस्थाओं और डेढ़ दशक से इस देश के स्वयं सहायता समूहों की रीढ़ के रूप में काम किया है।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत में शहरों के साथ-साथ गांव भी आत्मनिर्भर बन रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण अर्थतंत्र की आत्मा मानी जाने वाली हमारी कृषि अर्थव्यवस्था भी बहुत तेजी के साथ बढ़ रही है और कृषि अर्थव्यवस्था में स्वाभाविक रूप से कोऑपरेटिव इस प्रकार जुड़ी हुई एक ऐसी गतिविधि है जिसे इससे अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि गांव के हर व्यक्ति, विशेषकर माताओं और बहनों, को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थापित स्वयं सहायता समूहों को अपने पैरों पर खड़ा करने और स्वाभिमान के साथ समाज में स्थापित करने में नाबार्ड की बहुत बड़ी भूमिका रही है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि नाबार्ड ने कई क्षेत्रों में पिछले 42 सालों में नए काम शुरू किए हैं, विशेषकर, रिफाइनेंस और कैपिटल फॉर्मेशन के काम को नाबार्ड ने बहुत अच्छे तरीके से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि कैपिटल फॉर्मेशन के लिए अब तक लगभग 8 लाख करोड़ रूपए की राशि नाबार्ड के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गई है। उन्होंने कहा कि कृषि और किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने और एग्री-प्रोडक्शन को मज़बूत करने और इसमें विविधता लाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाओं के तहत नाबार्ड ने 12 लाख करोड़ रूपए ग्रामीण कृषि अर्थव्यवस्था में रिफाइनेंस किया है। शाह ने कहा कि पिछले 42 सालों में नाबार्ड ने 14 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 20 लाख करोड़ रुपए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रिफाइनेंस किया है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के बिना देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और इसके विकास की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लक्ष्य तय करने चाहिएं, जो साथियों को काम करने का हौसला, दौड़ने की प्रेरणा दें और विजय के विश्वास का संचार करें।

अमित शाह ने कहा कि 1982 में कृषि वित्त में 896 करोड़ रुपए का लघुकालीन ऋण था, जिसे आज 1.58 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का काम नाबार्ड ने किया है। उन्होंने कहा कि 1982 में दीर्घकालीन कृषि ऋण 2300 करोड़ रुपए था जिसे एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का काम नाबार्ड ने किया है।

अमित शाह ने कहा कि देश के ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत पांच लाख करोड़ रुपए सैंक्शन हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्राण फूंकने में नाबार्ड ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में 1.3 करोड़ मीट्रिक टन क्षमता के वेयरहाउस नाबार्ड के फाइनेंस से खड़े हुए हैं। देश के लगभग एक करोड़ स्वयं सहायता समूहों को नाबार्ड ने फाइनेंस किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में माइक्रो-फाइनेंसिंग का सबसे बड़ा कार्यक्रम अगर कोई है तो वो एक करोड़ स्वयं सहायता समूहों को फाइनेंस करना है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पीएम किसान योजना के अंतर्गत आने वाले सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कवर करने का निर्णय लिया है।

अमित शाह ने कहा कि हमारे पिछले प्रदर्शन और आने वाले समय में देश की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर गर्व के साथ नाबार्ड को अपने अगले 25 सालों के लक्ष्य तय करने चाहिएं, जिनका हर पांच साल में रिव्यू हो और हर पांच साल के लक्ष्य का रिव्यू हर वर्ष हो।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां जिला सहकारी बैंक ने डेबिट कार्ड के साथ-साथ रूपे क्रेडिट कार्ड देने की भी शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार योजना के तहत सभी सहकारी समितियों के सदस्यों के बैंक खातों को ज़िला सहकारी बैंक में ट्रांस्फर कर दिया गया है और सभी दुग्ध उत्पादक समितियों को बैंक मित्र बनाने का काम भी कर दिया गया है।

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