बिरसा मुंडा की जयंती
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बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी परम्परा में शामिल हुईं प्रेजिडेंट और वाइस प्रेजिडेंट, ओम बिरला भी रहे मौजूद

आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। इस मौके संसद भवन परिसर में आदिवासी परम्परा में प्रेजिडेंट द्रौपदी मुर्मू और और वाइस प्रेजिडेंट जगदीप धनखड़ शामिल हुए।

हाइलाइट्स-

  • आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती आज।

  • बिरसा मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी जनजातीय लोक नायक हैं।

  • बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी परम्परा में शामिल हुए प्रेजिडेंट और वाइस प्रेजिडेंट।

दिल्ली, भारत। आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है। बिरसा मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी जनजातीय लोक नायक हैं। उन्होंने जनजाति मुंडा समाज को जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए जागृत किया था। बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर संसद भवन परिसर में आदिवासी परम्परा में प्रेजिडेंट द्रौपदी मुर्मू और और वाइस प्रेजिडेंट जगदीप धनखड़ शामिल हुए। इस खास मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे।

द्रौपदी मुर्मू ने अर्पित की पुष्पांजलि:

बता दें कि, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर संसद भवन परिसर में पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा है कि, "राज्य स्‍थापना दिवस के अवसर पर झारखंड के सभी निवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाया जाता है। मेरी मंगल कामना है कि प्राकृतिक संसाधनों से संपूर्ण झारखंड राज्य सदा प्रगतिशील रहे और भगवान बिरसा का आशीर्वाद यहां के लोगों पर बना रहे।"

वहीं, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर संसद भवन परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे, उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की। इनके अलावा इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी पुष्पांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की।

आपको बता दें कि, 15 नवंबर 1875 को भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। उन्होने जनजाति मुंडा समाज को जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए जागृत किया था। उनका आंदोलन 1895 से लेकर 1900 तक चला और वो इतिहास में एक लोकनायक के रूप में दर्ज हो गए। 15 नवंबर झारखंड का राज्य दिवस भी होता है। इसी तारीख को 2000 में झारखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित हुआ था।

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