सुप्रीम कोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण
सुप्रीम कोर्ट में अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण Raj Express

सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति मुर्मू ने अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण एवं संविधान दिवस समारोह को संबोधित किया

संविधान दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. बी आर अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया और समारोह को संबो‍धित किया।

हाइलाइट्स :

  • सुप्रीम कोर्ट में 7 फीट ऊंची डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण

  • राष्ट्रपति और CJI ने भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस समारोह को संबोधित किया

दिल्‍ली, भारत। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज रविवार को संविधान दिवस समारोह आयोजित किया गयाा, इस समारोह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया। साथ ही उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया है।

7 फीट ऊंची है प्रतिमा :

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 7 फीट ऊंची प्रतिमा पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और सीजेआई चंद्रचूड़ ने पौधारोपण भी किया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज आयोजित हुए संविधान दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अलावा समारोह में मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, केंद्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, शीर्ष अदालत के अन्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय बार एसोसिएशन के पदाधिकारिओं के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

तो वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, हम संविधान में निहित मूल्यों का जश्न मनाते हैं और राष्ट्र के दैनिक जीवन में उन्हें बनाए रखने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं। न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्य वे सिद्धांत हैं जिन पर हम एक राष्ट्र के रूप में खुद को संचालित करने के लिए सहमत हुए हैं। इन मूल्यों ने हमें स्वतंत्रता हासिल करने में मदद की। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इनका प्रस्तावना में विशेष उल्लेख किया गया है और ये हमारे राष्ट्र-निर्माण प्रयासों का मार्गदर्शन करते रहे हैं। न्याय का उद्देश्य इसे सभी के लिए सुलभ बनाकर सर्वोत्तम तरीके से पूरा किया जा सकता है। इससे समानता को भी बल मिलता है. हमें खुद से पूछना चाहिए कि क्या हर एक नागरिक न्याय पाने की स्थिति में है। आत्ममंथन करने पर हमें पता चलता है कि रास्ते में कई बाधाएं हैं। लागत सबसे महत्वपूर्ण कारक है. भाषा जैसी अन्य बाधाएँ भी हैं, जो अधिकांश नागरिकों की समझ से परे हैं।

बेंच और बार में भारत की अनूठी विविधता का अधिक विविध प्रतिनिधित्व निश्चित रूप से न्याय के उद्देश्य को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद करता है। इस विविधीकरण प्रक्रिया को तेज़ करने का एक तरीका एक ऐसी प्रणाली का निर्माण हो सकता है जिसमें योग्यता आधारित, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न पृष्ठभूमि से न्यायाधीशों की भर्ती की जा सके। एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा हो सकती है जो प्रतिभाशाली युवाओं का चयन कर सकती है और उनकी प्रतिभा को निचले स्तर से उच्च स्तर तक पोषित और बढ़ावा दे सकती है। जो लोग बेंच की सेवा करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें प्रतिभा का एक बड़ा पूल तैयार करने के लिए देश भर से चुना जा सकता है। ऐसी प्रणाली कम प्रतिनिधित्व वाले सामाजिक समूहों को भी अवसर प्रदान कर सकती है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • न्याय तक पहुंच में सुधार के लिए हमें समग्र प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने का प्रयास करना चाहिए। हमारी प्रणालियाँ समय की उपज हैं; अधिक सटीक रूप से, उपनिवेशवाद के उत्पाद। इसके अवशेषों को साफ़ करना प्रगति का कार्य रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम अधिक सचेत प्रयासों से सभी क्षेत्रों में उपनिवेशीकरण के शेष हिस्से को तेज कर सकते हैं।

  • जब हम संविधान दिवस मनाते हैं, तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि संविधान आखिरकार केवल एक लिखित दस्तावेज है। यह तभी जीवंत होता है और जीवित रहता है जब इसकी सामग्री को व्यवहार में लाया जाए। इसके लिए व्याख्या के अभ्यास की आवश्यकता है। उन्होंने हमारे संस्थापक दस्तावेज़ के अंतिम व्याख्याकार की भूमिका पूर्णता से निभाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की।

  • इस न्यायालय की बार और बेंच ने न्यायशास्त्र के मानकों को लगातार बढ़ाया है। उनकी कानूनी कुशलता और विद्वता सर्वोत्कृष्ट रही है। हमारे संविधान की तरह, हमारा सर्वोच्च न्यायालय भी कई अन्य देशों के लिए एक आदर्श रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक जीवंत न्यायपालिका के साथ, हमारे लोकतंत्र का स्वास्थ्य कभी भी चिंता का कारण नहीं बनेगा।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com