असम के गुवाहाटी में लगे भूकंप के तेज झटके
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असम के गुवाहाटी में लगे भूकंप के तेज झटके, जानिए क्‍या रही तीव्रता

असम का गुवाहाटी आज दोपहर में भूकंप के झटकों ने थरथराया है। हालांकि, भूकंप की इस घटना में किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

असम, भारत। देश के राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं का कुछ न कुछ सिलसिला नजर आ ही रहा है, बार-बार भूकंप के कारण कई राज्‍यों की धरती डोल रही है। अब आज शनिवार को असम का गुवाहाटी भूकंप के झटकों ने थरथराया है।

4.1 तीव्रता से आया भूकंप :

बताया जा रहा है कि, असम के गुवाहाटी में भूकंप के झटके महसूस हुए और इस दौरान भूकंप की तीव्रता की बात करें तो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सीस्मोलॉजीके मुताबिक, गुवाहाटी में आज दोपहर के समय करीब 1 बजे पर भूकंप के झटके महसूस किए गए और इस दौरान रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 दर्ज हुई है। हालांकि, भूकंप की इस घटना में किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।

तो वहीं, भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अधिकारियों का कहना है कि, ''पृथ्वी के 10 किलोमीटर गहराई से उठे इस भूकंप का केंद्र कामरूप जिला रहा। इस कारण भूकंप झटके गुवाहाटी व इसके आसपास के इलाकों में महसूस किए गए।'' बता दें कि, आज ही पश्चिमी राजस्थान विशेषकर जोधपुर संभाग से जुड़े जालोर, जोधपुर और सिरोही जिलो में भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे।

भूकंप की स्थिति में क्या करें, क्या न करें

  • भूकंप आने पर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।

  • भूकंप के झटके महसूस बंद होने तक बाहर ही रहें।

  • यदि आप गाड़ी चला रहे हो तो गाड़ी को रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें।

  • पुल या सड़क पर जाने से बचें।

  • भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।

  • यदि आप घर से बाहर नहीं निकल सकते तो, घर के किसी कोने में चले जाएं।

  • घर में कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।

  • भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।

क्यों आता है भूकंप :

भूकंप के बारे में आए दिन ही खबरें लगातार सामने आ रही हैं, किसी न किसी राज्य में भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। ऐसे में बार-बार भूकंप के चलते मन में सवाल आता ही होगा कि, आखिर क्‍यों बार-बार भूकंप के झटके लग रहे हैं। दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपित हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

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