क्वारंटाइन सेंटर का वो धाकड़ जो रोज खाता है 40 रोटी, 10 प्लेट चावल!

"आपको अचरज होगा कि किसी व्यक्ति की रोजाना की खुराक दस लोगों के भोजन की मात्रा जितनी है। वो भी घर पर नहीं बल्कि क्वारंटाइन सेंटर पर! आखिर यह राज कैसे दुनिया के सामने आया? इसकी भी एक हकीकत है।"
युवक की खुराक के कारण चर्चा में आ गया क्वारंटाइन सेंटर।
युवक की खुराक के कारण चर्चा में आ गया क्वारंटाइन सेंटर। - Social Media

हाइलाइट्स

  • खुराक से मिली प्रसिद्धि

  • क्वारंटाइन केंद्र आया चर्चा में

  • प्रशासनिक टीम ने किया दौरा

राज एक्सप्रेस। बिहार के बक्सर का एक क्वारंटाइन सेंटर यहां रुके एक प्रवासी की खुराक के कारण लोगों की चर्चा का केंद्र बन गया है। चर्चा ऐसी बढ़ी की प्रवासी युवक की डेली की खुराक और रसोइये की समस्या के गणित को समझने खुद प्रशासनिक टीम को केंद्र का दौरा करना पड़ गया।

आपको अचरज होगा कि किसी व्यक्ति की रोजाना की खुराक दस लोगों के भोजन की मात्रा जितनी है। वो भी घर पर नहीं बल्कि क्वारंटाइन सेंटर पर! आखिर यह राज कैसे दुनिया के सामने आया? इसकी भी एक हकीकत है।

रिकॉर्ड तोड़ खुराक -

हम जिनकी बात कर रहे हैं वो हैं 23 साल के अनूप ओझा। जो राजस्थान से लौटने वाले प्रवासी हैं। इनकी खुराक सभी का ध्यान खींच रही है। जी हां राजस्थान से बिहार लौटने वाले अनूप क्वारंटाइन होने की वजह से क्वारंटाइन सेंटर पर रह रहे हैं। यहां उनकी खुराक जनचर्चा का विषय है।

केंद्र बक्सर का -

बिहार के बक्सर का क्वारंटाइन सेंटर अनूप की डाइट के कारण दुनिया भर की चुटीली खबरों में स्थान पा रहा है। दरअसल इस सेंटर पर रह रहे अनूप रोजाना 40 रोटी खाते हैं। इसके अलावा उनको 10 प्लेट चावल भी भोजन में लगता है।

ऐसे में जब खबरें सुनीं तो बिहार के अधिकारियों ने सूचनाएं असामान्य लगने पर पूछताछ करने के लिए बक्सर जिले के एक संगरोध केंद्र का दौरा तक कर डाला।

क्या सुना था? -

अधिकारियों को सूचना मिली थी कि राजस्थान से लौटने वाले 23 वर्षीय प्रवासी को बक्सर के मंझवारी क्वारंटाइन सेंटर में क्वारंटाइन किया गया है। इस प्रवासी की रोजाना की खुराक ब्रेक फास्ट में 40 रोटियां और दोपहर के भोज में 8 से 10 प्लेट चावल है।

क्वारंटाइन केंद्र पर भोजन के दौरान प्रवासी युवा अनूप ओझा।
क्वारंटाइन केंद्र पर भोजन के दौरान प्रवासी युवा अनूप ओझा।Social Media

चौंक गए अधिकारी -

प्रशासनिक अधिकारियों को जब युवक अनूप के आहार के बारे में बताया गया, तो उन्होंने दोपहर के भोजन के समय क्वारंटाइन केंद्र का दौरा करने का फैसला किया। यहां वे यह जानकर चौंक जरूर गए कि किसी व्यक्ति की खुराक दस लोगों की सामान्य खुराक जितनी भी हो सकती है। मतलब अनूप की अकेले की जितनी खुराक है इसमें कम से कम 8 से 10 लोगों का पेट भरपूर भर सकता है।

85 लिट्टी -

खंड विकास अधिकारी एके सिंह ने मीडिया को बताया कि क्वारंटाइन सेंटर पर रुके प्रवासी के लिए बिहार की प्रसिद्ध लिट्टी (गेहूं के आटे की लोई में बिर्रा, बेसन भरकर तपाकर बनी देसी खाद्य सामग्री) बनाई गई थी।

ओझा को यह स्वाद में इतनी भाई कि वो रिकॉर्ड में 15 कम सैंकड़ा यानी 85 लिट्टी खाकर रुके। अधिकारी ने मीडिया को बताया कि रसोइया ने जब इतनी सारी चपातियां बनाने के मामले में हाथ खड़े कर दिए तो जानकारी की सत्यता पुष्ट करने प्रशासनिक दल ने केंद्र का दौरा किया।

कहानी कुछ और -

दरअसल, यह अनूप ओझा का असामान्य आहार था जिसने इस संगरोध केंद्र को लाइम लाइट में ला दिया। बताया जा रहा है कि क्वारंटाइन केंद्र में प्रवासियों की सीमित संख्या के बावजूद खाद्यान्न का स्टॉक काफी कम था।

दरअसल यह मामला मुख्यालय पर पहुंचने पर तब संज्ञान में आया जब क्वारंटाइन केंद्र द्वारा यह बताया गया कि एक व्यक्ति विशेष की सामान्य खुराक दस व्यक्तियों के भोजन जितनी है।

भरपेट भोजन कराया जाए –

अधिकारी ने बताया कि अनूप को क्वारंटाइन किए जाने की मियाद अब खत्म होने को है हमने रसोइये को आदेश दिए हैं कि युवक को भरपेट भोजन कराया जाए। क्वारंटाइन सेंटर के प्रबंधक को भी भोजन और अन्य प्रबंध के लिए सतत निगरानी और व्यापक प्रबंध के लिए निर्देशित किया गया है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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