अर्थव्यवस्था मजबूत,राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अंदर रहेगा
अर्थव्यवस्था मजबूत,राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अंदर रहेगाSocial Media

अर्थव्यवस्था मजबूत, राजकोषीय घाटा लक्ष्य के अंदर रहेगा : निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार के बेहतर आर्थिक प्रबंध के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था के उतार चढ़ाव के बावजूद मजबूत है।

नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार के बेहतर आर्थिक प्रबंध के चलते आज देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अर्थव्यवस्था के उतार चढ़ाव के बावजूद मजबूत है, मुद्रास्फीति नीचे आ रही है, रुपया अन्य विकासशील देशों की मुद्राओं की तुलना में डाॅलर के खिलाफ ज्यादा मजबूत है। श्रीमती सीतारमण ने लोकसभा में अनुपूरक अनुदान मांग पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.4 प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा गया है और हम उसे हासिल करने की दिशा में सही राह पर है। उन्होंने महंगाई, बजट घाटा और मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए धन की कमी के संबंध में विपक्षी सदस्यों की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मंत्रियों का एक समूह महंगाई को लेकर बराबर सतर्क है। वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इन प्रस्तावों और संबंधित विधेयकों को ध्वनिमत से अनुमोदित कर दिया।

महंगाई पर रोक के लिए सरकार द्वारा उठाए गये कदमों की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नवंबर 2022 के ताजा आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत की सीमा के भीतर आ चुकी है। उन्होंने विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की मजबूत स्थिति, बाहरी कर्ज के कम अनुपात और बैंकों की स्थिति के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा “आज भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बाहरी झटकों के समक्ष ज्यादा सुरक्षित है।” रुपये में गिरावट की आलोचना को खारिज करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा “उल्टे हमारी इस बात की सरहाना होनी चाहिए कि भारतीय रुपया अन्य मुद्राओं की तुलना में मजबूत हो रहा है और जहां तक डाॅलर का सवाल है, दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में रुपए का प्रदर्शन अपेक्षाकृत काफी बेहतर है।”

वित्त मंत्री ने इस संबंध में अप्रैल-नवंबर 2022 की अवधि के लिए रिजर्व बैंक के आंकड़े का उल्लेख करते हुए कहा कि इस दौरान डाॅलर के मुकाबले तुर्की का लीरा 21.2 प्रतिशत, जापान का येन 19.9 प्रतिशत दक्षिण अफ्रीका का रेंड 15.1 प्रतिशत, चीन का यूवान रेनमिनबी 10.6 प्रतिशत, इंडोनेशिया का रुपया, ब्राजील और फिलीपींस की मुद्राएं आठ प्रतिशत से अधिक गिरी हैं जबकि रुपये में डालर के मुकाबले इस दौरान गिरावट 6.9 प्रतिशत रही है। उन्होंने रिजर्व बैंके आंकडे के हवाले से उन्होंने कहा कि इसी दौरान जापानी ऐन के मुकाबले रुपया 15.3 प्रतिशत ब्रिटेन के पौंड 7.6 प्रतिशत और यूरो के समक्ष 7.5 प्रतिशत मजबूत हुआ है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अनुपूरक अनुदान मांगों की पहली किश्त के बावजूद उन्हें विश्वास है कि राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के अनुरूप ही रहेगा। वित्त मंत्री वर्ष 2022-23 के बजट में राजकोषीय घाटे को एक साल पहले के 6.9 प्रतिशत से घटाकर 6.4 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा “करों में वसूली की अच्छी स्थिति और व्यय की स्थिति के रुझानों को देखते हुए हम राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप बढ़ रहे हैं और मुझे लगता है कि हम अपने बजट अनुमान को पूरा करने में समर्थ होंगे।”

उन्होंने महंगाई के साथ ही अर्थव्यवस्था में मंदी के आरोप को लेकर विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अप्रैल 2022 से खुदरा मुद्रा स्फीति लगातार कम हो रही है और नवंबर में वार्षिक आधार पर 5.88 प्रतिशत थी, जबकि 2013 नवंबर में तत्कालीन यूपीए सरकार के समय खुदरा मुद्रा स्फीति 19.93 प्रतिशत के स्तर पर आसमान छू रही थी। उन्होंने आज जारी थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि नवंबर 22 में यह घटकर 5.85 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने दालों के पर्याप्त बफर स्टाॅक, कल्याण योजनाओं के लिए राज्यों को सस्ती दर पर चने की आपूर्ति और डीजल एवं पेट्रोल के दाम में कमी के लिए शुल्कों में कमी का हवाला देते हुए कहा “प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री महंगाई पर बराबर ध्यान दे रहे हैं। हमारा मुद्रास्फीति का प्रबंध बेहतर है। अंतरमंत्रालय समूह खाद्य तेलों, दालों और सब्जियों की कीमतों की स्थिति की समीक्षा के लिए हर सप्ताह समीक्षा बैठक करता है।”

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अनुदान मांगों के पहले बैच में उर्वरक सब्सिडी के लिए एक लाख 09 हजार 288 करोड़ रुपए उर्वरक सब्सिडी, ग्रामीण विकास और मनरेगा के लिए 16 हजार 400 करोड रुपए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के लिए 24943 करोड़ रुपए की मांग शामिल है जिसमें से 8000 करोड रुपए गरीबों को उज्जवला योजना प्रति गैस सिलेंडर सब्सिडी उज्ज्वला योजना के तहत गरीबों को सिलेंडर पर न्यूनतम 200 रुपए प्रति सिलेंडर की सहायता के लिए है। उन्होंने मनरेगा के लिए पैसा कम करने के विपक्ष के आरोप को गलत बताया और कहा कि यह योजना मांग पर आधारित है और इस समय ग्रामीण क्षेत्र मनरेगा मजदूरी की मांग कम हो रही है। उन्होंने बावजूद इसके सरकार ने अनुपूरक मांग के पहले में इसके लिए 16 हजार 400 करोड रुपए का प्रावधान किया है। रेलवे में पूजीगत खर्च के लिए 12 हजार करोड रुपए, जम्मू कश्मीर और पांडु चेरी को उनके खर्चाें की पूर्ति के लिए क्रमश: 8956 और 1400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

वित्तमंत्री ने बीएसएनएल के सौतेला व्यवहार करने की सदस्यों की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि इन्हीं अनुपूरक मांगों में बीएसएनएल के 18 हजार 127 करोड़ रुपए उसकी वायर लाइन सेवाओं को व्यवहारिक बनाने के लिए देने का प्रावधान है। वित्तमंत्री ने कहा कि इसको मिलाकर हमने कुल 60 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया है और अगले चार साल में हम सरकारी क्षेत्र की इस कंपनी को मजूत बनाने के लिए 22471 और देंगे।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com