National Endangered Species Day: सिर्फ भारत में पाई जाती हैं विलुप्त होने के कगार पर पहुंची ये पांच प्रजातियां
Endangered Species Day : दुनिया में जीव-जंतुओं की लाखों प्रजाति पाई जाती हैं। इनमें से कई प्रजातियां ऐसी हैं, जो पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी हैं। वहीं कई प्रजातियां ऐसी भी हैं, जो विलुप्त होने के कगार पर खड़ी हैं। ऐसे में इस गंभीर समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने और विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए हर साल मई महीने के तीसरे शुक्रवार को National Endangered Species Day यानि राष्ट्रीय लुप्तप्राय प्रजाति दिवस मनाया जाता है। साल 2006 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने यह दिवस मनाने पर जोर दिया था। तो चलिए आज हम जानवरों की पांच ऐसी प्रजातियों के बारे में जानेंगे, जो सिर्फ भारत में पाई जाती हैं।
एशियाई सिंह
एशियाई सिंह असल में शेर की एक प्रजाति है, जो सिर्फ भारत में पाई जाती है। गुजरात के गिर में पाए जाने वाले इन शेरों को भारतीय शेर भी कहा जाता है। विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी शेरों की इस प्रजाति के करीब 600 शेर गिर के जंगलों में पाए जाते हैं। हालांकि पिछले कुछ सालों में इनकी संख्या में इजाफा हुआ है।
संगाई हिरण
मणिपुर का राजकीय पशु संगाई हिरण सिर्फ भारत के मणिपुर में ही पाया जाता है। कई लोग इसे नाचने वाला हिरण भी कहते हैं। साल 1950 में संगाई हिरण को लगभग विलुप्त मान लिया गया था। हालांकि बाद में यह मणिपुर में पाया गया था। वर्तमान में 200 से 300 संगाई हिरण मणिपुर में हैं।
नीलगिरि तहर
नीलगिरि तहर भारत के तमिलनाडु और केरल में मौजूद नीलगिरि पर्वत और पश्चिमी घाट के दक्षिणी इलाकों में पाया जाता है। भारत के अलावा यह जानवर दुनिया में कहीं नहीं पाया जाता है। किसी समय इनकी संख्या महज 100 रह गई थी, लेकिन सरकार के प्रयासों की चलते वर्तमान में इनकी संख्या करीब 2000 हो गई है। इनके संरक्षण के लिए तमिलनाडु सरकार ने ‘नीलगिरि तहर संरक्षण परियोजना’ शुरू की है। इसके अलावा 7 अक्टूबर को 'नीलगिरी तहर दिवस' भी मनाया जाता है।
गोडावण
सोन चिरैया के नाम से प्रसिद्ध गोडावण राजस्थान का राजकीय पक्षी है। यह भारत के राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में पाया जाता है। शुतुरमुर्ग जैसा दिखाई देने वाला यह पक्षी आज विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुका है। वर्तमान में इनकी संख्या 200 से भी कम हो गई है। हालांकि सरकार इन्हें बचाने की कोशिश कर रही है।
लायन-टेल्ड मकाक
शेर के मुंह जैसी बनावट वाला लायन-टेल्ड मकाक बंदर भी विलुप्तप्राय प्राणी की श्रेणी में आ गया है। शेर की तरह इसकी गर्दन पर भी लंबे-लंबे बाल होते हैं। यह कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में पश्चिमी घाट के वर्षा वनों में पाया जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार इनकी संख्या करीब 4000 हो सकती है।
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