कोरोना से हो रही तबाही से निपटने के लिए पूर्व PM ने मोदी को बताए सुझाव

देश में कोरोना के महासंकट के बीच और कोरोना संक्रमण के कारण खराब हालातों को देखते हुए आज पूर्व PM मनमोहन सिंह ने PM नरेंद्र मोदी को लेटर लिख कई सुझाव दिए...
कोरोना से हो रही तबाही से निपटने के लिए पूर्व PM ने मोदी को बताए सुझाव
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दिल्‍ली, भारत। देशभर में महामारी कोरोना से जबरदस्‍त तबाही मची हुई है, बेहताशा कोरोना के मरीज मिलने से रोजाना रिकॉर्ड तोड़ नए केस सामने आ रहे हैं, जिससे हालात चुनौतीपूर्ण होते जा रहे हैं। देश के तमाम राज्‍यों में कोविड मरीजों के लिए बेड्स कम पड़ रहे हैं, ऑक्‍सीजन की भी कमी हो रही, जिससे मरीजों की मौत हो रही हैै। कोरोना के महासंकट काल के बीच अब देश में पूर्व प्रधानमंत्री ने वर्तमान प्रधानमंत्री को कुछ सुझाव दिए हैं।

मनमोहन सिंह ने PM मोदी को दिए 5 सुझाव :

जी हां, देश में कोरोना संक्रमण से मचे हाहाकार के बीच आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा है, जिसमें उन्‍होंने कोरोना से हो रही तबाही का जिक्र करते हुए PM मोदी को 5 सुझाव दिए हैं। मनमोहन सिंह ने अपने इस लेटर में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम को हामारी प्रबंधन का बड़ा हिस्सा बताया और उसका विस्तार किए जाने का सुझाव दिया। मनमोहन सिंह द्वारा कोरोना के संकट से निपटने के लिए ये 5 सुझाव बताएं हैं-

  • पहली सलाह - सबसे पहले सरकार को अगले छह महीने के लिए टीकों के दिए गए ऑर्डर, किस तरह से टीके राज्यों के बीच वितरित होंगे, इस बारे में बताना चाहिए। सरकार को यह बताना चाहिए कि, अलग-अलग वैक्सीन उत्पादकों को कितने ऑर्डर दिए गए हैं, जिन्होंने अगले छह महीने में डिलीवरी का वादा किया है। यदि हम लक्षित संख्या में लोगों को टीका लगाना चाहते हैं तो हमें अडवांस में पर्याप्त ऑर्डर देने चाहिए ताकि उत्पादक समय से आपूर्ति कर सकें।

  • दूसरी सलाह - सरकार को यह बताना चाहिए कि, इन संभावित टीकों का वितरण राज्यों के बीच किस तरह पारदर्शी फॉर्मूले के आधार पर किया जाएगा। केंद्र सरकार 10 फीसदी आपातकालीन जरूरत के लिए रख सकती है, लेकिन बाकी का राज्यों को साफ सिग्नल मिले ताकि वे उस तरह टीकाकरण की योजना बना सकें।

  • तीसरी सलाह - राज्यों को यह छूट दी जाए कि, वे फ्रंटलाइन वर्कर्स की कैटिगरी तय करें, जिन्हें 45 साल से कम उम्र के बावजूद टीका लगाया जा सके। उदाहरण के तौर पर राज्य स्कूल टीचर, बस, थ्री व्हीलर और टैक्सी ड्राइवर्स, म्यूनिसिपल और पंचायत कर्मियों और वकीलों को टीका लगाना चाहेंगे। 45 साल से कम उम्र के बावजूद इन्हें टीका लगाया जा सकता है।

  • चौथी सलाह - पिछले कुछ दशकों में भारत सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक के रूप में उभरा है। अधिकांश क्षमता निजी क्षेत्र में हैं। जनस्वास्थ्य के लिए मौजूदा आपात स्थिति में भारत सरकार को वैक्सीन उत्पादकों को मदद देनी चाहिए, ताकि वे तेजी से मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार कर सकें। उन्होंने इसके लिए कंपनियों को फंड और छूट देने की सलाह दी।

    • पांचवी सलाह - वैक्सीन के घरेलू आपूर्तिकर्ता सीमित हैं, इसलिए ऐसे किसी भी टीके जिसे यूरोपीय मेडिकल एजेंसी या यूएसएफडीए ने मंजूरी दी हो, देश में आयात की मंजूरी देनी चाहिए। इसके लिए देश में ट्रायल के बिना ही उन्हें मंजूरी देनी चाहिए। आपात स्थिति में यह छूट न्यायोजित है।

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