धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है, इसे राजनैतिक रंग मत बनाइए: सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली, भारत। देश में आज के समय में जबरन धर्म परिवर्तन का मामला गंभीर मुद्दा बन चुका है। ऐसे में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक सख्त कानून बनाएं जाने की मांग हो रही है और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है, जिस पर आज सुनवाई होनी है। इस दौरान कोर्ट की ओर से देश में धर्म परिवर्तन के मामलों पर चिंता जाहिर की गई है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई, जिसमें लालच देकर और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग करने के साथ डरा-धमकाकर, लालच देकर या फिर कई तरह के फायदे देकर धर्म परिवर्तन कराने पर रोक लगनी चाहिए की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई कर इस मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से जवाब मांगा है।
धर्म परिवर्तन के मामलों पर चिंता जाहिर करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा- ये सिर्फ़ एक राज्य विशेष से जुड़ा मसला नहीं है। हमारी चिंता देश भर में हो रहे ऐसे मामलों को लेकर है। इसे किसी एक राज्य से जोड़कर राजनीतिक रंग देने की ज़रूरत नहीं है।
तो वहीं, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से कहा कि, ''हम चाहते हैं कि अगर बलपूर्वक या फिर लालच से धर्म परिवर्तन हो रहे हैं तो इसका पता लगाया जाए और अगर ऐसा हो रहा है तो हमें क्या करना चाहिए? और इसमें सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए। इस मामले में केंद्र मदद करे।'' इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट की बेंच की ओर से आपत्ति जताते हुए यह बात भी कही गई है कि, "कोर्ट की सुनवाई को अन्य मामलों की तरफ मोड़ने की कोशिश मत कीजिए। हम पूरे देश को लेकर चिंतित हैं अगर यह आपके राज्य में हो रहा है तो यह बुरा है और अगर नहीं हो रहा है तो अच्छी बात है।''
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