दिल्ली, भारत। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को 80 दिन पूरे होने को आए हैं, लेकिन कोई हल निकलने की बजाय आंदोलन लंबा खिंचता नजर आ रहा है। साथ ही एक तरफ सरकार का कुछ और कहना हैै, तो वहीं दूसरी और किसान नेताओं के बयान कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का कहना :
हाल ही में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का बड़ा बयान सामने आया है। जिसमें उनका कहना है कि, कृषि कानूनों में काला क्या है, ये सब हम एक-एक क्लॉज पर बता चुके हैं। साथ ही भारत की मोदी सरकार पर झूठ बोलकर सारे देश को गुमराह करने की भी बात कही है।
गौरतलब है कि, बीते दिनों राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर कहा था, "मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि, उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था, उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है।" साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये बात भी कही थी- दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है। खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती।
बता दें कि, कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के कई बॉर्डरों पर देश के अन्नदाता आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान इन आंदोलनकारी किसानों को विपक्ष का पूरा समर्थन मिल रहा है।
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