किसान आंदोलन ‌का तीसरा दिन- किसानों की बैठक में अगली रणनीति पर बड़ा फैसला

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना-प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन जारी है। आंदोलन कर रहे किसानों ने आज बैठक कर ये फैसला किया कि, वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे।
किसान आंदोलन ‌का तीसरा दिन- किसानों की बैठक में अगली रणनीति पर बड़ा फैसला
किसान आंदोलन ‌का तीसरा दिन- किसानों की बैठक में अगली रणनीति पर बड़ा फैसलाSocial Media

दिल्‍ली, भारत। एक तरफ कोरोना वायरस का हाहाकार है, तो वहीं दूसरी ओर सर्दी में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है‌, जिसका आज तीसरा दिन है।

किसानों की बैठक में अगली रणनीति पर मंथन :

इस दौरान प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीती रात सिंघु बॉर्डर पर ही गुजारी है। इसके अलावा आज शनिवार सुबह आंदोलन कर रहे किसानों ने बैठक भी हुई, जिसमें अगली रणनीति पर मंथन किया गया, इस दौरान किसानों ने बैठक में ये फैसला लिया गया कि, वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे।

किसानों ने फूंका PM मोदी का पुतला :

तो वहीं, पुलिस लगातार किसान नेताओं के संपर्क में है और उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है, लेकिन किसान अपनी मांग को पूरा करने के लिए अड़ें हुए हैं और इस दौरान पंजाब से दिल्ली जाने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला भी फूंका।

क्‍या है किसानों की मांग ?

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की सबसे बड़ी मांग यही है कि, ''केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले। आंदोलन के लिए गठित संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिमन्यु कोहाड़ गांव कनेक्शन से कहते हैं कि, कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। इससे निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जमाखोरी बढ़ेगी। बड़ी निजी कंपनियों को फायदा होगा। किसानों का आने वाले भविष्य मुश्किल भरा होगा।''

विपक्ष का मोदी सरकार पर तंज :

तो वहीं, किसानों के मुद्दे पर विपक्ष नेता मोदी सरकार पर तंज कस रहे है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा- मोदी कंपनियों के दफ़्तर जा फ़ोटो खिंचा रहे हैं और लाखों किसान दिल्ली के सड़कों पर कराह रहे हैं। काश! PM जहाज़ की बजाय ज़मीन पर किसान से बात करते, कोरोना वैक्सीन साइंटिस्ट और शोधकर्ता ढूंढेंगे, व...देश का पेट किसान पालेंगे, और... मोदी और भाजपाई टेलिविज़न सम्भालेंगे।

मेरा इतना बड़ा सपना नहीं है कि मैं प्रधानमंत्री बनूं, लेकिन मैं विकास होते देखना चाहता हूं। किसानों के साथ जो हो रहा है वो ठीक नहीं है, बीजेपी ने कहा था कि क़र्ज़ा माफ नही करेंगे और किसानों की आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन कुछ नहीं किया। क्रय केंद्रों ने किसानों का धान नहीं ख़रीदा, हम किसानों की मांग का पूरा समर्थन कर रहे हैं।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव

किसान आंदोलन पर बोले हरियाणा के सीएम :

इसके अलावा हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, ''यह आंदोलन पंजाब के किसानों ने खड़ा किया है। यह आंदोलन पूरी तरह राजनैतिक और सुनियोजित तरीके से खड़ा किया गया है। हरियाणा के किसानों ने इस आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया है, हरियाणा पुलिस ने संयम और धैर्य का परिचय दिया है।''

साथ ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर कहा- केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आंदोलन इसका जरिया नहीं है, इसका हल बातचीत से ही निकलेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का कहना :

इसके अलावा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि, ''हमने किसान संगठनों से एक अन्य दौर की बातचीत के लिए उन्हें 3 दिसंबर को आमंत्रित किया है।" इसके साथ ही नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपील करते हुए कहा कि, "कोरोना महामारी और ठंड के चलते किसान प्रदर्शन छोड़ दें।''

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