संवैधानिक संकट से उबरने उद्धव ठाकरे पर क्या होगा राज्यपाल का फैसला

महाराष्ट्र में MLC चुनाव टलने के बाद कैबिनेट बैठक में विधायक बने बिना सत्ता पर संभाल रहे उद्धव ठाकरे को MLC मनोनीत चुने जाने के लिए राज्यपाल के पास सिफारिश भेजी है।
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राज एक्‍सप्रेस। महाराष्ट्र में सत्‍ता संभालने को लेकर काफी दिनों तक संकट के बादल छाए हुए थे और आखिरी में शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्‍यमंत्री की कमान संभाली है, लेकिन वे अभी तक विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं बन पाए हैं, तो वहीं, कोरोना वायरस के कारण MLC चुनाव भी नहीं हो सके, जिसके चलते उनके सीएम पद पर संवैधानिक संकट मंडरा रहे थे। इससे बचने के लिए आज गुरुवार को कैबिनेट बैठक में यह बड़ा फैसला लिया है।

राज्य की कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की बजाय उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा की गई, इस दौरान कैबिनेट ने उद्धव ठाकरे को राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है। राज्यपाल 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं। वहीं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक द्वारा बताया कि, ''CM उद्धव ठाकरे का नाम राज्यपाल के पास भेजा जाएगा ताकि वह मनोनीत एमएलसी चुने जाएं और यह संवैधानिक संकट को टालने की वजह से किया जा रहा है।''

6 माह में सदन का सदस्य होना अनिवार्य :

दरअसल, संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री का 6 माह के अंदर किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है।

वहीं, उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और ऐसे में अब उन्‍हें CM की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।

9 सीटों पर होने थे MLC चुनाव :

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के खतरों की वजह से लागू हुए लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते विधान परिषद (MLC) चुनाव होना अभी संभव नहीं है। महाराष्ट्र के विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 24 अप्रैल को खत्म हो रहा है एवं इन 9 विधान परिषद सीटों पर चुनाव होने थे, जिन्हें कोरोना संकट की वजह से टाल दिया गया है।

बता दें कि, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था, उनके बेटे आदित्य ठाकरे चुनाव मैदान में थे। बीजेपी से दोस्‍ती तोड़ शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सरकार बनाई, जिन्‍होंने उद्धव को मुख्यमंत्री बनाए जाने की शर्त पर सर्मथन दिया था, ऐसे में उद्धव ठाकरे ने विधायक बने बिना ही सत्ता संभाली है। MLC चुनाव टलने से ही उद्धव ठाकरे के सामने मुख्‍यमंत्री पद को बचाए रखने की मुश्किल खड़ी हो गई है।

अब फैसला राज्यपाल के हाथ में :

कैबिनेट द्वारा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास उद्धव ठाकरे के नाम को नामित करने के लिए सिफारिश तो भेज दी गई है अब फैसला उन्‍हीं के हाथ में है, अगर राज्यपाल सहमत हो जाएंगे तो उद्धव ठाकरे अपनी CM कुर्सी बचाए रखने में सफल हो सकते हैं।

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