यात्रियों को जोर का झटका, रुक सकती है गुरुग्राम मेट्रो

गुरुग्राम में रैपिड मेट्रो का संचालन 17 सितंबर के बाद बंद हो सकता है और इसमें रोजाना सफर करने वाले 60 हजार यात्रियों को भी जोर झटका लग सकता है।
यात्रियों को जोर का झटका, रुक सकती है गुरुग्राम मेट्रो
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हाइलाइट्स :

  • गुरूग्राम मेट्रो में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को जोर का झटका
  • बंद हो सकता है गुरुग्राम मेट्रो का संचालन
  • एनसीआर में रहने वाले या गुरूग्राम में नौकरी करने वालों को परेशानी

राज एक्‍सप्रेस। गुरूग्राम मेट्रो के करीब 60 हजार रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को जोर का झटका लग सकता है, क्योंकि इस मेट्रो का परिचालन रुक सकता है। एनसीआर में रहने वाले या गुरूग्राम में नौकरी करने वालों की परेशानी इससे बहुत बढ़ जाएगी। जमीन अधिग्रहण से लेकर संचालन तक कई पेंच हैं जो उच्च न्यायालय में लंबित हैं।

विवादों के कारण बंद होने जैसी स्थिति :

कहते हैं कि, गुरुग्राम में चलने वाली रैपिड मेट्रो का संचालन 17 सितंबर के बाद बंद हो सकता है। पिछले सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेशों को 17 सितंबर तक बढ़ाते हुए दोनों पक्षों को विवाद के 10 बिंदुओं पर बैठक कर आपस में सुलझाने के आदेश दिए थे, मगर वह मियाद अब खत्म होने वाली है।

ज्ञात हो कि, रैपिड मेट्रो का संचालन कर रही कंपनी आरएमजीएल ने 7 जून को एचएसवीपी को 90 दिन का नोटिस देकर सेवाएं स्थगित करने को कहा था। एचएसवीपी ने इस नोटिस को अवैध करार देते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय में याचिका दायर की थी। अदालत ने अपने अंतरिम आदेशों में 10 बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि एचएसवीपी बताएं कि, वह अपना प्रोजेक्ट कब तक अपने अधीन कर लेगी।

सरकार और यात्री दोनो परेशान :

जिस प्रकार दिल्ली मेट्रो राजधानी की लाइफ लाइन बन चुकी है, उसी प्रकार रैपिड मेट्रो गुरूग्राम की लाइफ लाइन है। रोजाना करीब 60,000 यात्री सफर करते हैं। अगर एक दिन भी ठप होता है तो आर्थिक नुकसान जो हो मगर लोगों की परेशानी बहुत बढ़ जाएगी। कहते हैं कि, रैपिड मेट्रो को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार अपना खजाना लुटाने की तैयारी कर रही है। इस मामले में शुरू से ही नियमों की अनदेखी की गई। एग्रीमेंट और हरियाणा सरकार की साझेदारी आदि इसमें आडे़ आ रही है। कई बार ऐसा लगता है कि, हरियाणा सरकार भी इसके बंद होने की स्थिति में नुकसान में रह सकती है।

रैपिड मेट्रो पर आरोप :

बताया जा रहा है कि, आयकर विभाग की जांच में एक बार पाया गया था कि, रैपिड मेट्रो संचालन करने वाली कंपनी आईएल एंड एफएस रेल ने कोलकाता की कंपनी सिल्वर प्वाइंट इंफ्राटेक से 20.18 करोड़ से अधिक का फर्जी बिल लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, फर्जी वर्क ऑर्डर के जरिए कंपनी ने 300 करोड़ से अधिक की हेराफेरी की है। वर्क ऑर्डर को रैपिड मेट्रो के निर्माण के रूप में दिखाया गया है। आज प्रोजेक्ट को घाटे में दिखाकर हरियाणा सरकार से 2800 करोड़ रुपये की राशि रैपिड मेट्रो की एवज में मांगी जा रही है।

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