देश में कोरोना की स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस
राज एक्सप्रेस। भारत में कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि, अन्य देशों की तुलना की स्थिति फिर भी बेहतर ही मानी जाएगी। वहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। मंत्रालय ने कोरोना को लेकट भारत की स्थिति के बारे में बताया।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना :
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि, भारत जनसंख्या के आधार पर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। देश में जनसंख्या का आंकड़ा अधिक होने के बावजूद भारत ने कोरोना को लेकर संतोषजनक कार्य किया है। इतना ही नहीं जनसंख्या के आधार पर यदि भारत में कोरोना की स्थिति देखी जाए तो, भारत दुनिया के अन्य सभी देशों की तुलना में सबसे नीचे है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में कोरोना के केसों की जानकारी बताते हुए कहा आज भारत में प्रति 10 लाख जनसंख्या के आधार पर 538 केस सामने आ रहे हैं। जबकि, जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए अन्य कई देशों में कोरोना के केस का आंकड़ा भारत से 16-17% ज्यादा है। इसके अलावा भारत में अन्य देशों की तुलना में मृत्यु दर भी कम है।
ICMR का कहना :
वहीं, भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर ICMR का कहना है कि, देश में टेस्टिंग लैब्स की संख्या बढ़ाने पर काम हो रहा है। वर्तमान में भारत में 1132 लैब ऑपरेशन में हैं। कई लैब पाइपलाइन में हैं। हर दिन औसतन 2.6 लाख लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। ICMR ने आगे बताया कि, एंटीजन टेस्ट का उपयोग करके हम टेस्टिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव का कहना :
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण का कहना है कि, भारत में कोरोना की चपेट मे आने से 60 से 74 वर्ष की आयु वर्ग के लोग ज्यादा मारे गए हैं। इसके अलावा 45 से 75 साल की आयु वाले भी काफी लोग कोरोना से ग्रसित हुए हैं। इसके अलावा मरने वालो का आंकड़ा इस वर्ग में भी रहा है।
कोरोना टेस्ट का आंकड़ा :
गृह मंत्रालय ने बताया कि, भारत में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और दिल्ली से सामने आरहे हैं। दिल्ली में 8 जुलाई तक कोरोना के 6,79,831 टेस्ट किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि,10 लाख की आबादी पर 35,780 टेस्ट किए जा रहे हैं। हर दिन का आंकड़ा देखे तो लगभग 20,000 टेस्ट रोज किए जा रहे हैं। वहीं, देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के प्रश्न पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने उत्तर दिया कि "विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन की कोई मानक परिभाषा नहीं तय की है। उन्होंने सदस्य देशों को स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद रिपोर्ट करने का अधिकार दिया है।
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