ऑनलाइन गेम के जरिए कैसे हो रहा था धर्मांतरण
ऑनलाइन गेम के जरिए कैसे हो रहा था धर्मांतरणSyed Dabeer Hussain - RE

‘आयत पढ़ने से मिलती थी जीत’, जानिए ऑनलाइन गेम के जरिए कैसे हो रहा था धर्मांतरण

आरोपियों ने अब तक कितने बच्चों को टारगेट किया है, इसकी कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि माना जा रहा है कि यह संख्या 400 के करीब हो सकती है।

राज एक्सप्रेस। इन दिनों पूरे देश में ऑनलाइन गेम के जरिए हो रहा धर्मांतरण का मुद्दा छाया हुआ है। पुलिस ने बीते दिनों इस मामले के आरोपी शाहनवाज मकसूद खान उर्फ बद्दो को उसके भाई के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस को उम्मीद है कि आरोपी से धर्मांतरण को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। इससे पहले गाजियाबाद पुलिस ने इस मामले में मस्जिद के एक मौलवी को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि आरोपियों के तार दुबई के कुछ कट्टरपंथियों से जुड़े हुए हो सकते हैं। आरोपियों ने अब तक कितने बच्चों को टारगेट किया है, इसकी कोई सटीक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि माना जा रहा है कि यह संख्या 400 के करीब हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर आरोपी कैसे ऑनलाइन गेम जरिए बच्चों का धर्मांतरण करते थे।

गेम के जरिए करते थे टारगेट

दरअसल आरोपी नाबालिग बच्चों को टारगेट करने के लिए ऑनलाइन गेम का सहारा लेते थे। इस गेम का नाम फोर्ट नाइट है। हिन्दू बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले मुस्लिम आरोपी हिंदू बच्चों के नाम से आईडी बनाकर यह गेम खेलते थे। जब भी कोई हिंदू बच्चा यह गेम खेलता था तो सभी आरोपी एक साजिश के तहत उसे धर्म बदलने के लिए बढ़ावा देते थे।

ऐसे देते थे अंजाम

दरअसल हिंदू बच्चा गेम खेलते हुए जब हार जाता था तो आरोपी उसे आयत पढ़कर गेम खेलने की सलाह देते। जब बच्चा आयत पढ़कर गेम खेलता तो साजिश के तहत उसे जीता दिया जाता। इससे उस बच्चे को लगता कि आयत पढ़ने से वह जीतने लगा है और आयत में उसका विश्वास बढ़ जाता।

जाकिर नाइक के वीडियो

इसके बाद बच्चे को एक दूसरे एप के जरिए इस्लामिक रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी दी जाती थी। उसे जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो दिखाए जाते थे। उसे इस्लाम धर्म अपनाने के उकसाया जाता था। बच्चे को नमाज पढ़ने के लिए कहा जाता। जब बच्चा इस्लाम धर्म अपना लेता था तो फिर उसका एफिडेविट बनवा दिया जाता।

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