एच.आर.डी. मंत्री ने दी देश की नई शिक्षा नीति के मसौदे पर जानकारी

राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान प्रस्तावित शिक्षा नीति से जुड़े एक सवाल पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने दी ये जानकारी।
मानव संसधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक
मानव संसधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंकSocial Media

राज एक्सप्रेस। 18 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि नई शिक्षा नीति के लिए कस्तूरीरंगन समिति द्वारा पेश प्रस्तावित मसौदे पर विभिन्न क्षेत्रों से लगभग दो लाख सुझाव मिल चुके हैं। इन सुझावों के मद्देनज़र शिक्षा नीति के मसौदे का प्रारूप जारी किया जाएगा।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रस्तावित शिक्षा नीति से जुड़ा एक सवाल किया गया था जिसके जवाब में एचाआरडी मंत्री ने बताया कि 'नयी शिक्षा नीति का जो मसौदा तैयार हो रहा है, मैं समझता हूं कि यह दुनिया के अब तक के सबसे बड़े परामर्श का हिस्सा है। इसमें अध्यापक से लेकर छात्र, नौकरशाह से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और जनप्रतिनिधि सभी शामिल हैं।'

शिक्षा नीति पर शिक्षा मंत्रियों और विशेषज्ञों की राय जरूरी

मानव संसधान मंत्री का कहना है कस्तूरीरंगन समिति की रिपोर्ट को सुझावों के लिए सार्वजनिक कर दिया गया है और अब तक दो लाख से अधिक सुझाव मिल चुके हैं। सभी सुझावों पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा चल रही है।

शिक्षा नीति में मातृभाषा में प्राथमिकता शिक्षा दिए जाने के सावल पर मंत्री ने कहा कि '1968 और 1986 की शिक्षा नीति की तरह ही इस नीति में भी इस बात को अपनाया जायेगा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही होना चाहिये।' यह तरीका ही कारगर और सफल समझा जाता है।

कस्तूरीरंगन समीति द्वारा सौंपा गया शिक्षा नीति का ड्राफ्ट

डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति ने इसी साल 31 मई को दिल्ली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के सामने प्रस्तुत किया था। समिति के पास अपने स्वयं के प्रयासों की शुरूआत करने से पहले सुझावों, इनपुटों, रिपोर्टों और परिणामी दस्तावेजों का एक विनम्र विश्लेषण और जांच करने का महत्वपूर्ण कार्य पहले से मौजूद था। इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को तैयार करने के लिए समिति के पास स्वयं के पाठ्यक्रम को निर्धारित करने वाली अंतर्निहित भावना थी, जो मुख्य रूप से एक विज़न दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए थी। यह रिपोर्ट अगले 20 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। यह ड्राफ्ट नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, 2019 अभिगम्यता, निष्पक्षता, गुणवत्ता, वहनयोग्यता और जवाबदेही के आधारभूत संरचना पर बनी हुई है।

समिति ने 3 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के बच्चों को शामिल करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को भी विस्तृत करने की सिफारिश की। बच्चों के ज्ञानात्मक और सामाजिक-भावनात्मक विकास के चरणों के आधार पर, एक 5 + 3 + 3 + 4 रूपी पाठयक्रम और शैक्षणिक संरचना: मूलभूत चरण (आयु 3-8 वर्ष); 3 साल का पूर्व-प्राथमिक ग्रेड 1-2; प्रारंभिक चरण (8-11 वर्ष), ग्रेड 3-5; मध्य चरण (11-14 वर्ष), ग्रेड 6-8 और माध्यमिक चरण (14-18 वर्ष), ग्रेड 9-12। विद्यालयों के परिसरों को फिर से व्यवस्थित करने की बात कही गई है।

इसके अलावा उच्च शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने, खुले और दूरस्थ शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने, शिक्षा के सभी स्तरों पर प्रौद्योगिकी के एकीकरण के लिए नई नीतिगत पहलों को लागू करने, वयस्कों और आजीवन सीखने वालों तथा कम-प्रतिनिधित्व रखने वाले समूहों की भागीदारी को बढ़ावा देने और शिक्षा के लिए आने वाले परिणामों में लिंग, सामाजिक श्रेणी और क्षेत्रीय विसंगतियों को समाप्त करने की सिफारिशें की गई हैं।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com