Gwalior Divorce Case
Gwalior Divorce CaseKavita Singh Rathore -RE

ग्वालियर: तीसरी संतान को लेकर पति को हुआ शक, मामला तलाक तक पंहुचा

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: पत्नी-पति का अटूट रिश्ता विश्वास के दम पर ही चलता है, पर इस मामले में पति ने तीसरी संतान को लेकर हुए शक के कारण पत्नी के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करा कर, तलाक की मांग कर डाली।

राज एक्सप्रेस। अक्सर बच्चे अपने माता-पिता की शक्ल-सूरत पर ही जाते हैं, परन्तु कई बार ऐसा भी होता है कि, बच्चे माता-पिता से अलग दिखते हों या उनकी आदतें उनसे अलग हों, अगर किसी परिवार में ऐसा होता है, तो क्या पति को पत्नी पर शक करने लग जाना चाहिए, आपको यह पढ़ कर हैरानी हो रही होगी कि, यह क्या बात हो रही है परन्तु ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पति ही पत्नी पर शक करने लगा।

क्या था मामला :

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक दंपति रहते थे, जिसमे से पति, पत्नी और 3 बच्चों से अलग दूसरे शहर में रहता है, दूर रहने के कारण धीरे-धीरे पति के मन में तीसरे बच्चे को लेकर शक पैदा हो गया, इतना ही नहीं पति ने इस शक के कारण ही ग्वालियर के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी भी लगा दी। जब पति ने कोर्ट के सामने बताया कि, मुझे अपनी तीसरी संतान (बेटी) को लेकर शक है, क्योंकि मैं करीब एक साल से पत्नी अलग रह रहा हूँ तो, यह संतान मेरी हो ही नहीं सकती। पत्नी से पूछ जाने पर, पत्नी ने दावा किया कि, यह संतान उसके ही पति की ही।

कोर्ट का फैसला :

जबकोर्ट को पूरा मामला पता चला तब, जज हैरान रह गए, उन्होंने पति पत्नी की बात सुनी और पति को DNA टेस्ट कराने के आदेश दिए। जब DNA की रिपोर्ट आई तब पत्नी का दावा सही निकला और पति का शक गलत। इसी DNA रिपोर्ट के साथ कोर्ट के जज हितेंद्र सिंह सिसाैदिया ने तलाक के आवेदन को खारिज कर दिया। साथ ही पति को पत्नी की रखी गई शर्तो को मानने के भी आदेश किये हैं। पत्नी ने शर्त राखी थी की अगर DNA रिपोर्ट में तीसरे बच्चे का पिता वही निकला तो, पति केस तो वापस लेगा ही साथ ही उसे बच्चे सहित अपना लेगा, लेकिन रिपोर्ट आने के बाद भी पति उसे अपनाने और केस वापस लेने से इंकार कर रहा है।

महिला के हुए आठ साल ख़राब :

हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि, इस पूरे मामले में महिला के आठ साल खराब हो गए, दरअसल पीड़ित महिला ने घरवालों के कहने पर 2003 में ग्वालियर में एक स्कूल संचालक से शादी की थी, शिक्षित होने के कारण पति, पत्नी को काेचिंग पढ़ाने पर जाेर देने लगा, साल 2009 में पत्नी की इटावा सहायक प्राध्यापक के पद पर सरकारी नाैकरी लग गई, वह ग्वालियर से इटावा अप-डाउन करने लगी। असुविधा के चलते पति की सहमति से वह इटावा में रहने लगी। पत्नी के अलग रहने से पहले 2 बच्चे (बेटी और बेटा) थे, जब तीसरी (2011 में) बार गर्ववती हुई तब, पति को पत्नी पर शक होने लगा और पत्नी पर केस कर दिया। इस बीच इतने सालों तक पत्नी को अकेले ही दोनों बच्चों का भरण-पोषण करना पड़ा मानसिक यातना भी सहना पड़ी।

पत्नी का कहना :

पत्नी का कहना है कि, कोर्ट द्वारा सुनाये इस फैसले के बाद भी पति उसे अपनाने से इंकार कर रहा है, लेकिन वो हार न मानते हुए अपने रिश्ते काे बचाने की कोशिश करेगी और तब भी बात नहीं बानी तब वह पति पर मानहानि का दावा करेगी। पति के परिजनों से बात करने पर पता चला है कि, पति किसी तांत्रिक के पास जाता है, इन्ही सब के चाकर में पड़ कर वो ये सब कर रहा है।

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