जब बेटे अखिलेश के चलते प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए मुलायम
जब बेटे अखिलेश के चलते प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए मुलायमSyed Dabeer Hussain - RE

लालू प्रसाद की बेटी से शादी कर लेते अखिलेश तो प्रधानमंत्री बन जाते मुलायम, जानिए दिलचस्प कहानी

मुलायम सिंह यादव अपने करियर में तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, एक बार देश के रक्षामंत्री, 7 बार सांसद, 8 बार विधायक और एक बार एमएलसी सहित कई पदों पर रहे।

राज एक्सप्रेस। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और भारतीय राजनीति के कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का सोमवार को निधन हो गया है। मंगलवार को दोपहर तीन बजे मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान देश के कई बड़े नेता सैफई पहुंच सकते हैं। मुलायम के निधन के साथ ही राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। अपने 55 सालों के राजनीतिक करियर में मुलायम कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वह तीन बार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री, एक बार देश के रक्षामंत्री, 7 बार सांसद, 8 बार विधायक और एक बार एमएलसी सहित कई पदों पर रहे। हालांकि मुलायम को ताउम्र एक बात का अफसोस रहा और वह बात है प्रधानमंत्री ना बन पाने की। दरअसल मुलायम के जीवन में 2 बार ऐसे मौके आए जब वह प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए।

प्रधानमंत्री बनना था तय :

साल 1996 में 13 दिन में ही अटल बिहारी की सरकार गिर गई थी और कांग्रेस भी सरकार बनाने के पक्ष में नजर नहीं आ रही थी। ऐसी स्थिति में संयुक्त मोर्चा की सरकार बनाने की कवायद शुरू की गई। इस सरकार में प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार वीपी सिंह थे, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। इसके बाद ज्योथति बसु का नाम सामने आया, लेकिन उनके नाम पर भी सहमती नहीं बनी। ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) का नाम रेस में आ गया। हालांकि चारा घोटाले के चलते लालू प्रसाद भी रेस से बाहर हो गए और मुलायम का प्रधानमंत्री बनना तय माना जाने लगा।

और देवगौड़ा बन गए प्रधानमंत्री :

कहा जाता है कि प्रधानमंत्री पद के लिए मुलायम सिंह का नाम फाइनल हो चुका था। शपथ ग्रहण की तैयारी भी शुरू कर दी गई थी। मुलायम के प्रशसंकों में खुशी का माहौल था, लेकिन तभी लालू प्रसाद और शरद यादव ने इसमें अड़ंगा लगा दिया। उन्होंने मुलायम को समर्थन देने से साफ़ मना कर दिया। ऐसी स्थिति में एचडी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मुलायम के मन की यह टीस एक रैली के दौरान निकली जब उन्होंने भरे मंच से कहा कि, ‘लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्र बाबू नायडू और वीपी सिंह के चलते वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाए।’

पर्दे के पीछे का खेल :

अगर मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो लालू प्रसाद अपनी बेटी की शादी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से करना चाहते थे। मुलायम सिंह भी इस शादी के लिए राजी थे और उन्होंने अखिलेश से इस बारे में बात भी की थी, लेकिन अखिलेश यादव डिंपल को पसंद करते थे। यही कारण है कि उन्होंने लालू प्रसाद की बेटी से शादी करने से इंकार कर दिया। माना जाता है कि इसी कारण लालू प्रसाद मुलायम से नाराज थे।

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