अन्नदाताओं के बाद अब सरकार के इस फैसले के विरूद्ध डॉक्टर्स की हड़ताल

देश के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के नेतृत्व में हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। डॉक्टर्स विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का महत्व बढ़ने से नाराज हैं...
अन्नदाताओं के बाद अब सरकार के इस फैसले के विरूद्ध डॉक्टर्स की हड़ताल
अन्नदाताओं के बाद अब सरकार के इस फैसले के विरूद्ध डॉक्टर्स की हड़तालPriyanka Sahu -RE

दिल्‍ली, भारत। देश में महामारी कोरोना काल में नए-नए आंदोलन जन्म ले रहे हैं। पिछले कई दिनों से किसान कृषि बिल को लेकर अन्नदाताओं का आंदोलन खत्‍म ही नहीं हुआ, ताे वहीं दूसरी ओर आज 11 दिसंबर काेे डॉक्टर्स ने 12 घंटे की राष्‍ट्रव्‍यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया।

आखिर क्‍यों आ पड़ी डॉक्टरों के हड़ताल करने की नौबत :

डॉक्टरों के हड़ताल करने की नौबत इसलिए आन पड़ी, क्‍योंकि सभी जगह मेडिकल सिस्टम पर एलोपैथी डॉक्टरों का कब्जा है, जिसका साइड इफेक्ट अब सामने आ रहा है। केंद्र सरकार की ओर से आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत मिलने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) का विरोध शुरू हो गया है। डॉक्टर्स विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद का महत्व बढ़ने से नाराज हैं और आज देश के डॉक्टरों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के नेतृत्व में हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। IMA की ओर से सामने आई जानकारी के मुताबिक, "शुक्रवार को डॉक्टरों की हड़ताल आज सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक जारी रहेगी।" साथ ही आईएमए द्वारा ये चेतावनी भी दी गई है-

अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो उनका प्रदर्शन तेज होगा।

हड़ताल के कारण कुछ सर्विस बंद व कुछ जारी :

  • ओपीडी सर्विस सरकारी अस्पतालों में जारी रहेगी, वहीं निजी अस्पतालों में भी ओपीडी (OPD) आज बंद रहेंगी।

  • सभी सरकारी अस्पताल खुले रहेंगे, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में आज सिर्फ कोविड और इमरजेंसी सेवाएं ही उपलब्ध रहेंगी।

  • इस दौरान क्लीनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रहेंगी, लेकिन आपातकालीन चिकित्सा (Emergency) और कोविड-19 से जुड़ी उपचार सेवाएं जारी रहेंगी।

सरकार के इस फैसले के विरूद्ध नाराज डॉक्टर्स :

दरअसल, हाल ही के दिनों में सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) की सिफारिश पर केन्द्र सरकार ने आयुर्वेद का महत्व बढ़ाने का फैसला करते हुए एक अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत आयुर्वेद में पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 प्रकार की सर्जरी सीखने और प्रैक्टिस करने की अनुमति दी गई।

बता दें कि, सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) ने 20 नवंबर, 2020 को अधिसूचना जारी कर उसमें 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाओं को सूचीबद्ध किया था, जिनमें आंख, नाक, कान और गले से जुड़ी हुईं 19 छोटी सर्जरी प्रक्रियाएं हैं।

स्वदेशी वस्तुओं व उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही सरकार :

गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण के बाद से ही केंद्र सरकार स्वदेशी वस्तुओं और उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही है और इसी क्रम में भारत की मोदी सरकार द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को और बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की परमिशन देने का फैसला लिया।

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