ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण

भारत ने आज डीआरडीओ द्वारा विकसित ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में परीक्षण किया।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षणSocial Media

दिल्‍ली, भारत। चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत एक के बाद एक कई मिसाइलों का सफल परीक्षण कर देश के मिसाइल जखीरे एवं नौसेना की ताकत में बड़ा इजाफा कर रहा है। अब आज 1 दिसंबर को भारत ने 'ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल' के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण किया।

एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण :

दुश्मन की अब खैर नहीं, क्‍योंकि भारत द्वारा लगातार मिसाइलों का सफल परीक्षण कर रहा है एवं भारत में 'मेक इन इंडिया' की पहल तथा प्रौद्योगिकी में 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर कदम बढ़ रहे हैं। आज मंगलवार को ही अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में 'ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल' के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण किया गया। सूत्रों के हवाले से सामने आई जानकारी के अनुसार, ये परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा किए जा रहे परीक्षणों का हिस्सा है।

बता दें कि, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है। इससे पहले 24 नवंबर को भारतीय सेना द्वारा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक द्वीप से सबसे खतरनाक 290KM रेंज वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के लैंड अटैक वर्जन का 'लाइव मिसाइल टेस्‍ट' किया, जो बेहद कामयाब रहा। ब्रह्मोस मिसाइल ने दागे जाने के बाद दूसरे द्वीप पर स्थित अपने निशाने को दक्षता से सफलतापूर्वक तबाह कर दिया था।

ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़ी खास जानकारी :

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तीनों सशस्त्र बलों के लिए एक शक्तिशाली हथियार बन गई है एवं यह मिसाइल रूस और भारत के रक्षा संस्‍थानों के साथ आने से बनी है। ब्रह्मोस में से 'ब्रह' का मतलब 'ब्रह्मपुत्र' और 'मोस' का मतलब 'मोस्‍कवा' है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है और ब्रह्मोस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि, इसे कहीं से भी लॉन्‍च किया जा सकता है, जमीन से हवा में मार करनी वाले सुपरसोनिक मिसाइल 400 किलोमीटर दूर तक टारगेट हिट कर सकती है।

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