क्या है साइप्रस विवाद
क्या है साइप्रस विवादRaj Express

कश्मीर का नाम लेने पर भारत ने दबाई तुर्की की दुखती रग, जानिए क्या है साइप्रस विवाद?

तुर्की के राष्ट्रपति ने एक बार फिर पाकिस्तान की भाषा बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया। जिसके जवाब में भारत ने साइप्रस का मुद्दा उठाकर उसकी दुखती रग को दबा दिया।

राज एक्सप्रेस। शंघाई सहयोग संगठन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के कुछ दिनों के बाद ही तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। हालांकि भारत ने भी इसके जवाब में साइप्रस का मुद्दा उठाया। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू से मुलाकात के दौरान साइप्रस की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय स्वायत्तता पर खास जोर दिया। भारत के इस कदम से तुर्की का परेशान होना तय है। दरअसल साइप्रस का मुद्दा हमेशा से ही तुर्की की दुखती रग रहा है और वह चाहता है कि इसे कोई हाथ ना लगाए। तो चलिए जानते हैं कि आखिर साइप्रस का नाम आते ही तुर्की क्यों परेशान हो जाता है?

तुर्की का अवैध कब्जा :

दरअसल साइप्रस मिस्र के उत्तर और तुर्की के दक्षिण में स्थित एक यूरेशियन द्वीप देश है। साल 1974 में यहां साइप्रियट नेशनल गार्ड की अगुवाई में तख्तापलट किया गया था। इससे साइप्रस में हालात बिगड़ गए। साइप्रस के अंदरूनी हालातों का फायदा उठाते हुए और अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ठेंगा दिखाते हुए तुर्की ने साइप्रस पर हमला बोल दिया था, उसके 36 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था।

अपने ही मुल्क में बन गए शरणार्थी :

तुर्की के इस कदम के चलते हजारों लोग अपने ही देश में शरणार्थी बनने पर मजबूर हो गए थे। तुर्की ने इन लोगों पर अत्याचार किया और इन्हें अपनी संपत्ति छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। यही कारण है कि आज तुर्की के कब्जे वाले इलाके में ग्रीक-साइप्रियोट की तादाद महज 300 बची है। सैकड़ों आम नागरिक आज भी लापता हैं। यही नहीं तुर्की ने उस इलाके में हजारों तुर्कों को बसा दिया। इस तरह से वहां की सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया।

संयुक्त राष्ट्र ने भी की निंदा :

साइप्रस के हिस्से पर अवैध कब्जे को लेकर संयुक्त राष्ट्र भी तुर्की को फटकार लगा चुका है। साल 1983 में तुर्की ने अवैध कब्जे वाले हिस्से का नाम बदलकर ‘टर्किश रिपब्लिक ऑफ नॉर्दर्न साइप्रस’ कर दिया, जिसकी सुरक्षा परिषद की सभी देशों ने आलोचना की। साल 1998 के प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सभी देशों से साइप्रस गणराज्य की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही थी।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com