विदेश मंत्री ने किया बैठक को संबोधित
विदेश मंत्री ने किया बैठक को संबोधितRE

भारतीय विदेश मंत्री ने किया बैठक को संबोधित, रूसी विदेश मंत्री से करेंगे वार्ता जबकि पाक से नही होगी कोई बात

SCO की बैठक होने से ठीक पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर सभी सदस्य देशों की अगवानी करते हुए सभी नेताओं से हाथ जोड़ कर नमस्ते की। बदले में चीनी विदेश मंत्रीसे लेकर रूसी विदेश मंत्रीने भी नमस्ते की।

राज एक्सप्रेस। भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने आज शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने पाकिस्तान पहुंचे। यहां उन्होंने ना केवल पाकिस्तानियों से नमस्ते करवाई बल्कि आतंकवाद पर बिना नाम पाक को बिगो-भिगो कर जूते भी मारे। दरअसल, SCO की बैठक होने से ठीक पहले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर सभी सदस्य देशों की अगवानी करते हुए सभी नेताओं से हाथ जोड़ कर नमस्ते की। उसके बदले में चीनी विदेश मंत्री किन गांग से लेकर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी नमस्ते की। इसके अलावा उन्होंने इस दौरान कई मुद्दों पर बात की। साथ ही एक ट्वीट भी किया।

भारत के विदेश मंत्री ने किया बैठक को संबोधित :

आज यानी शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने पणजी में विदेश मंत्रियों की SCO परिषद की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने समिट में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान, चीन समेत सभी SCO सदस्य देशों को सीधे सीधे बोल दिया कि, 'भारत की सीमा पार से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम सबको मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा। आतंकवाद को अभी भी हराया नहीं जा सका। आतंकवाद से मुकाबला हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।'

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रखे कई मुद्दे :

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा ,

'विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक में गोवा में सहयोगियों की मेजबानी की।

100+ बैठकों में सभी सदस्यों की उत्साही भागीदारी का स्वागत किया। विशेष रूप से खुशी इस बात की है कि, वाराणसी ने पहली SCO सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के रूप में कई कार्यक्रमों की मेजबानी की।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा संकट ने वैश्विक संस्थानों की समयबद्ध और प्रभावी तरीके से चुनौतियों का प्रबंधन करने की क्षमता में विश्वसनीयता और भरोसे की कमी को उजागर किया है।

SCO में सुधार और आधुनिकीकरण एक अधिक समकालीन दृष्टिकोण में सहायता करेगा जिसका भारत सक्रिय रूप से समर्थन करेगा।

पूर्ण सदस्य राज्यों के रूप में ईरान और बेलारूस के प्रवेश और एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी बनाने की प्रगति भी इस संबंध में रचनात्मक कदम है।

आतंकवाद का खतरा बेरोकटोक जारी है और इससे नजरें हटाना हमारे सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा। आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है और इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए। हमें किसी को - व्यक्ति या राज्य - को गैर-राज्य अभिनेताओं के पीछे छिपने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

इस बात को रेखांकित किया गया कि कनेक्टिविटी प्रगति की कुंजी है, इसे सभी सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ आना चाहिए।

हाइलाइट किया गया कि अफगानिस्तान में उभरती स्थिति हमारे ध्यान के केंद्र में है और प्रयासों को अफगान लोगों के कल्याण के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।

स्टार्टअप्स और इनोवेशन और पारंपरिक चिकित्सा पर दो नए कार्य समूहों के निर्माण के भारत के प्रस्ताव के लिए सदस्य देशों के समर्थन की सराहना की।

भारत ने हमारी अध्यक्षता के दौरान "एक सुरक्षित एससीओ की ओर" बढ़ने की अपनी प्राथमिकता को आगे बढ़ाया है। नई दिल्ली में एससीओ शिखर सम्मेलन में हमारे नेताओं के अनुमोदन के लिए दस्तावेजों को समय पर अंतिम रूप देने में सदस्य देशों का समर्थन मांगा।

पाक से नही होगी कोई वार्ता :

सामने आई जानकारी की मानें तो, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर SCO बैठक के अलावा यहाँ चीन के विदेश मंत्री चिन गांग और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। जबकि, भारत ने पाक को साफ कर दिया है कि, 'SCO समिट के अलावा भारत और पाकिस्तान के बीच कोई वार्ता नहीं होगी।' बता दें, पाकिस्तान द्वारा कहा गया है कि, बिलावल भुट्टों की यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता नहीं करेंगे।

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