आत्मनिर्भर भारत के बढ़ते कदम-स्वदेश निर्मित मिसाइल नौसेना में शामिल
दिल्ली, भारत। भारत में 'मेक इन इंडिया' पहल तथा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ रहे हैं। बीते दिन ही यानी शुक्रवार को भारतीय नौसेना की ओर से बयान सामने आया है, जिसमें ये बताया गया कि, स्वदेश निर्मित उन्नत टॉरपीडो विध्वंसक प्रणाली 'मारीच' को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है जो अग्रिम मोर्चे के सभी युद्धपोतों से दागी जा सकती है।
भारतीय नौसेना द्वारा ये कहा गया कि, यह मिसाइल सिसटम किसी भी टॉर्पीडो हमले को विफल करने में नौसेना की मदद करेगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित 'मारीच' प्रणाली हमलावर टॉर्पीडो का पता लगाने, उसे भ्रमित करने और नष्ट करने में सक्षम है। इस दौरान आगे भी कहा कि, "निर्दिष्ट नौसैन्य मंच पर लगे इस प्रणाली के प्रतिरूप ने सभी प्रायोगिक मूल्यांकन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे और नौसैन्य स्टाफ मानदंड आवश्यकताओं के अनुरूप सभी विशेषता प्रदर्शनों पर यह खरी उतरी थी।"
देश के संकल्प की दिशा में बड़ा कदम :
नौसेना ने अपने बयान में ये बात भी कही कि, 'मारीच' को शामिल किया जाना स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में न सिर्फ नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प का साक्ष्य है, बल्कि यह सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहले तथा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने के देश के संकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में बड़ी मजबूती हासिल :
नौसेना ने कहा कि रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा इस विध्वंसक प्रणाली का उत्पादन किया जाएगा, अग्रिम पंक्ति के सभी युद्धपोतों से दागे जाने में सक्षम उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली मारीच के लिए एक करार पर पहुंचने के साथ आज भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में बड़ी मजबूती हासिल हुई है।
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