J-K पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर शाह का जवाब-लोकसभा से पास हुआ बिल

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन(संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा से हुआ पास, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले- इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है।
J-K पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर शाह का जवाब-लोकसभा से पास हुआ बिल
J-K पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर शाह का जवाब-लोकसभा से पास हुआ बिलLok Sabha TV

दिल्‍ली, भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पेश हुए जम्‍मू कश्‍मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब दिया और आज शनिवार को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 लोकसभा से पास भी हो गया है।

सबसे पहले कांग्रेस को दिया जवाब :

गृह मंत्री अमित शाह ने सबसे पहले कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा- यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उसका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा। मगर अभी तो 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या? ये मामला कोर्ट में लंबी बहस के बाद, पांच जजों की बेंच के सुपुर्द किया गया है। अगर इस मामले में इतनी असंवैधानिकता होती तो, सर्वोच्च अदालत को पूरा अधिकार था, कानून पर रोक लगाने का।

इस बिल में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि, इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा (Statehood) नहीं मिलेगा। मैं फिर से कहता हूं कि, इस बिल का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जा से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

शाह ने ओवैसी पर बोला हमला-

इस दौरान अमित शाह ने ये भी कहा- असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि, 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है। उनको पता नहीं है कि, ये यूपीए सरकार नहीं, जिसे वो समर्थन करते थे। ये नरेंद्र मोदी जी की सरकार है, इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है। औवेसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।

अमित शाह ने गिनाई उपलब्धियां :

  • हमारी सरकार आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई है। पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे, इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे।

  • क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज IAS और IPS बने होते।

  • दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था।

  • वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे।

  • जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है।

  • हमने जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है। 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है। 6,000 नए कार्य शुरु किए। मेरा शहर-मेरा गौरव के तहत शहरी विकास के कार्य किए गए हैं।

  • प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम योजना की जो घोषणा हुई , उसका पुनर्निर्माण और मेगा विकास का जो पैकेज था, इसके तहत 58,627 करोड़ रुपये परिव्यय की 54 योजनाएं थी और उसे लगभग 26% और बढ़ाया गया है।

  • आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण शुरु कर दिया है। दोनों एम्स का निर्माण कार्य शुरु हो गया है। 8.45 किमी बनिहाल सुरंग को इस साल खोलने की योजना है। 2022 तक हम कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का काम भी करने वाले हैं।

  • 54 में से 20 परियोजनायें, जिनमें से 7 केंद्रीय और 13 संघ राज्य की थी, ये काफी हद तक पूरी हो चुकी है और बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी । यानी 54 में से 28 परियोजनाओं को काम हमने पूरा कर दिया है।

  • जबसे राष्ट्रपति शासन मिला तबसे लगभग हर घर को बिजली देने का काम पूरा हो गया है। उज्ज्वला योजना के तहत 12,60,685 माताओं को गैस का सिलेंडर देने का काम हमने पूरा कर दिया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे ये भी कहा- जम्मू कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि, 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है। 75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी। 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे।

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