जस्टिस अरुण मिश्रा हुए रिटायर
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जस्टिस अरुण मिश्रा हुए रिटायर-विदाई समारोह में CJI बोबडे ने की तारीफ

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा का कार्यकाल आज पूरा हो गया है, इस दौरान वे CJI एस ए बोबडे के साथ बेंच में शामिल हुए, यहां CJI ने मिश्रा की तारीफ की, तो वहीं जस्टिस अरुण मिश्रा ने ये बात कहीं...

दिल्ली, भारत। मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा छह साल न्यायाधीश रहने के बाद आज 2 सितंबर को रिटायर हो रहे हैं। उन्‍हें वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया था। वहीं, कोर्ट की पंरपरा के मुताबिक, जस्टिस अरुण मिश्रा अपने कार्यकाल के आखिरी दिन चीफ जस्टिस (CJI) एस ए बोबडे के साथ बेंच में शामिल हुए।

CJI ने की अरुण मिश्रा की तारीफ :

इस दौरान CJI एस ए बोबडे ने जस्टिस अरुण मिश्रा के विदाई समारोह में उनकी तारीफ करते हुए कहा कि, ''अजीब बात है कि यह पहली बार है जब मैं आपके साथ पहली बार कोर्ट में बैठा हूं और यह आखिरी बार भी हो रहा है। वो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में साहस और धैर्य के प्रतीक रहे हैं, सहकर्मी के रूप में जस्टिस अरुण मिश्रा के साथ काम करना सौभाग्य की बात है।''

आगे एस ए बोबडे ने जस्टिस अरुण मिश्रा की तारीफ में ये बात भी कही कि, ''यहां तक कि व्यक्तिगत मोर्चे पर भी मुझे उन बड़ी मुश्किलों की जानकारी है, जिनका उन्होंने सामना किया है. इसके बावजूद वह अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे, मैं बहुत लोगों को नहीं जानता, जिन्होंने इतनी कठिनाइयों के बावजूद बहादुरी से काम किया है। जस्टिस मिश्रा साहस और मेहतन की विरासत को पीछे छोड़ रहे हैं।''

जस्टिस मिश्रा प्रकाश के पुंज, साहस के पुंज, सभी प्रतिकूलताओं का सामना करने के लिए धैर्य के पुंज हैं. उन्होंने कर्तव्य निर्वहन में बहादुरी से सामना किया. मैं चाहता हूं कि जस्टिस मिश्रा आगे बहुत खुशहाल और समृद्ध जीवन बिताएं. मुझे उम्मीद है कि आप हमारे साथ संपर्क में रहेंगे. हम निश्चित रूप से ऐसा करने की कोशिश करेंगे

चीफ जस्टिस एस ए बोबडे

कार्यकाल के आखिरी दिन जस्टिस मिश्रा ने कहा :

तो वहीं जस्टिस अरुण मिश्रा ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन व विदाई समारोह में कहा, ''मैं जो कुछ भी कर सका वह इस अदालत की सर्वोच्च शक्तियों से हो पाया, मैंने जो कुछ भी किया उसके पीछे आप सभी की शक्ति थी। मैंने अपने विवेक के साथ हर मामले को निपटाया, यहां के सदस्यों से मैंने बहुत कुछ सीखा है। कभी-कभी मैं अपने आचरण में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से बहुत कठोर रहा हूं, इससे किसी को चोट नहीं लगनी चाहिए। हर फैसले का विश्लेषण करें और उसे किसी तरह का रंग न दें, अगर मुझसे किसी को चोट पहुंची है तो कृपया मुझे क्षमा करें, मुझे क्षमा करें, मुझे क्षमा करें।''

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