नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 10 जनवरी से अमल में आ गया है, लेकिन कई राज्यों की सरकार इस नए कानून को लागू करने से इन्कार कर रही हैं। अब बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची केरल सरकार Social Media

राज एक्सप्रेस। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध-प्रदर्शनों और विवादों के बीच केरल ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित कर दिया है और अब सरकार ने संशोधित कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केरल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वाला पहला राज्य बन गया है। केरल ने संविधान के अनुच्छेद का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

केरल ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र का नागरिकता कानून संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के अधिकार और व्यक्तिगत आजादी के अधिकार का उल्लंघन करता है और अनुच्छेद 25 में वर्णित कोई भी धर्म चुनने के अधिकार का उल्लंघन करता है। केरल की याचिका में तर्क दिया गया है कि ये भेदभाव करने वाला है क्योंकि इसमें सिर्फ कुछ खास देशों के कुछ खास अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को ही नागरिकता देने का प्रावधान है।

आखिर क्या है अनुच्छेद 131?

संविधान का अनुच्छेद 131 राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवादों पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला देने का विशेष अधिकार देता है। इसके साथ ही अगर राज्य से राज्य का कोई विवाद हो तो उस स्थिति में भी यह अनुच्छेद सुप्रीम कोर्ट को निर्णय का विशेष अधिकार देता है। केरल सरकार ने अपनी याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के मूल का उल्लंघन बताते हुए इसे लागू करने के लिए बाध्य होने का हवाला दिया है और इसे विवाद की वजह बताकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस आर्टिकल के जरिए केंद्र और राज्यों के बीच हर तरह के विवाद को नहीं सुलझाया जा सकता। आर्टिकल 131 के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट इसके जरिए उन्हीं मसलों पर फैसला दे सकती है, जहां केंद्र और राज्यों के अधिकारक्षेत्र का मसला सामने आता है। सरकारों के बीच आपसी झगड़े और छोटे-मोटे विवाद का इस आर्टिकल से कोई लेना-देना नहीं है। साल 1977 में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट ऑफ राजस्थान बनाम केंद्र सरकार के एक मामले में आर्टिकल 131 को लेकर यही साफ राय रखी थी।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.co