मप्र के शिक्षा मंत्री ने केंद्र से मांगे बकाया 8 सौ करोड़

नई दिल्ली : केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने की मुलाकात, नई शिक्षा नीति 2019 के लिए दिए कई सुझाव
मप्र के शिक्षा मंत्री ने केंद्र से मांगे बकाया 8 सौ करोड़
मप्र के शिक्षा मंत्री ने केंद्र से मांगे बकाया 8 सौ करोड़Sushil Dev
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राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात कर शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न मदों के विकास कार्यों के मद्देनजर बकाया करीब 8 सौ करोड़ रूपए की मांग की। उन्होंने राज्य की शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और अनुरोध किया कि, राज्य की वर्तमान शिक्षा पद्यति को देखने एक बार मध्य प्रदेश आएं। उन्होंने उनसे यूजीसी के सातवें वेतनमान की 50 प्रतिशत राशि की केंद्र से पूर्ति करने की मांग की। इसके लिए करीब 400 करोड रूपए की उन्होंने मांग की।

उन्होंने बताया कि-

डाॅ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत राज्य शासन ने सागर संभाग में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर की स्थापना सन 2011 में की गई थी। सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय के उन्नयन हो जाने के बाद राज्य शासन की लगभग 400 करोड़ की परिसंम्पत्तियां भी इस विश्वविद्यालय को हस्तांतरित कर दी गई थी। लेकिन विवि को हस्तांतरित परिसंपत्तियों का लगभग 400 करोड़ का एकमुश्त भुगतान अभी केंद्र सरकार के पास काफी समय से लंबित है।

सुझाव संग कुछ मांग

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा करते हुए श्री पटवारी ने उन्हें कई सुझाव दिए। नई शिक्षा नीति मध्यप्रदेश के हितों के साथ-साथ अनुदान और कई मदों में रुकी हुई राशि को भी जल्द जारी कराने की मांग की। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रस्तावित भारतीय मुक्त कला संस्था को इंदौर में स्थापित करने का अनुरोध किया। साथ ही विश्वविद्यालय में अलग-अलग विषयों के लिए विश्व स्तरीय शोध केन्द्र सेंटर फार एक्सिलेंस को भी मध्यप्रदेश में खोलने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार जमीन एवं अन्य संसाधन उपलब्ध कराएगी। हिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए ‘स्वयं’ के तहत अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों के समान ही हिंदी भाषी विद्यार्थियों के लिए अध्ययन सामग्री की व्यवस्था करने की मांग की। श्री पटवारी ने जनजातीय एवं सुदूर इलाकों में स्थित महाविद्यालयों को बंद नहीं करने की मांग की और हाइब्रिड माॅडल अपनाए जाने की वकालत की।

उच्च शिक्षा प्राधिकरण हो

नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा प्राधिकरण प्रस्तावित होने के उपरांत पटवारी ने राज्यों में निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग की भूमिका स्पष्ट करने की मांग की। साथ ही उच्च शिक्षा के नियमन में राज्य सरकार की भूमिका को भी समूचित रूप से शामिल किए जाने की मांग की है। राष्ट्रीय शिक्षा परिषद अधिनियम 2019 के अनुसार प्रदेश में शिक्षण संस्थाओं को मान्यता प्रदान करने के पहले परिषद द्वारा अभिमत के लिए राज्य शासन से उनका मत लिए जाने को आवश्यक बताया।

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