आचार संहिता के दौरान पंचायतों से निकली राशि
आचार संहिता के दौरान पंचायतों से निकली राशिSitaram Patel

Anuppur : आचार संहिता के दौरान पंचायतों से निकली राशि, कार्यवाही नहीं

अनूपपुर, मध्यप्रदेश : पंचायत चुनाव की घोषणा व आचार संहिता लागू होने के बाद निकली थी राशि। जैतहरी जनपद में दो दर्जन से ज्यादा पंचायतों में निकाली गई थी राशि।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा करते हुये 4 दिसम्बर को आदर्श आचार संहिता लागू कर दी थी, जिसके बाद ग्राम पंचायतों में लंबित बिलों का भुगतान किया गया था, शिकायत के बाद जिपं सीईओ ने नोटिस जारी करते हुये जवाब मांगा था, लेकिन चुनाव निरस्त होने के बाद न तो इस पर विचार किया गया और न ही कार्यवाही के लिये अधिकारियों ने कदम बढ़ाया। जिले भर की विभिन्न ग्राम पंचायतों से आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राशि का आहरण किया गया था, जनपद पंचायत जैतहरी सहित अन्य जनपद अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों से 4 दिसम्बर, 5 दिसम्बर, 6 दिसम्बर तक राशि आहरित करने का प्रक्रिया को जारी रखा गया था, जिसकी शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित कलेक्टर एवं निर्वाचन विभाग को किया गया था, लेकिन चुनाव निरस्त होने के साथ-साथ कथित तौर पर हुये भ्रष्टाचार की फाइल को भी निरस्त कर दिया गया।

जैतहरी के 25 ग्राम पंचायत :

जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत केल्हौरी, ग्राम पंचायत मौहरी, ग्राम पंचायत बैहार, ग्राम पंचायत बलबहरा, ग्राम पंचायत बर्री, ग्राम पंचायत बिजौड़ी, ग्राम पंचायत छुलहा, ग्राम पंचायत जरियारी, ग्राम पंचायत लहसुना, ग्राम पंचायत मझगवां, ग्राम पंचायत पडारिया, ग्राम पंचायत पगना, ग्राम पंचायत रक्शा, ग्राम पंचायत पटनाकला, ग्राम पंचायत सकरा, ग्राम पंचायत मेडियारास, ग्राम पंचायत लहरपुर, ग्राम पंचायत कोलमी, ग्राम पंचायत खोल्हाड़ी, ग्राम पंचायत गोबरी, ग्राम पंचायत देवहरा, ग्राम पंचायत गोरसी, दुधमानिया सहित अन्य ग्राम पंचायतों से आचार संहिता के बाद लाखों रूपये निकाले गये थे।

सचिवों के हो गये स्थानांतरण :

राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशानुसार ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिवों का स्थानांतरण जिला पंचायत कार्यालय से 22 दिसम्बर 2021 को किया गया था, ग्राम पंचायत सचिव जो विगत 4 वर्षो के दौरान एक ही पंचायत में 3 वर्षो से एक पंचायत में पदस्थ हैं उन्हें अन्य ग्राम पंचायत में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के आधार पर 37 सचिवों का स्थानांतरण किया गया था। इन स्थानांतरित सचिवों में कई ऐसे सचिव थे, जिनके पदस्थापना के दौरान आचार संहिता में राशि का आहरण किया गया था।

लटक गई कार्यवाही की फाइल :

जनपद पंचायत जैतहरी में बैठे कृपा पात्र सीईओ सतीश तिवारी को पंचायतों के विकास से कोई लेना देना नहीं है, जुगाड़ के दम पर चलने वाले सीईओ को सिर्फ हर जगह जुगाड़ ही दिखता है, लेकिन इस पूरे मामले की शिकायत जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हर्षल पंचोली से की गई है और उन्हीं के द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले पंचायतों के जिम्मेदारों को नोटिस भी दिया गया था लेकिन कार्यवाही की फाइल क्यों लटक गई इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

न कार्यवाही, न वापसी :

जिन ग्राम पंचायतों के सचिवों के द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन करते हुये राशि का आहरण किया गया था उन पर न तो किसी प्रकार की कार्यवाही की गई और न ही आहरित राशि को वापस लाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई। शिकायत के बाद अधिकारी हरकत में तो आये, लेकिन कुछ दिनों बाद इस भ्रष्टाचार को ढकने के लिये फाइल को ही नजर अंदाज कर दिया गया।

इनका कहना है :

शिकायत के बाद नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था, उनकी प्रतिक्रिया आई की नहीं इसकी जानकारी लेकर ही बता पाऊंगा।

के.के. सोनी, अतिरिक्त सीईओ, जिला पंचायत अनूपपुर

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