कोयलांचल में कबाड़ का अवैध कारोबार
कोयलांचल में कबाड़ का अवैध कारोबारSitaram Patel

Anuppur : कोयलांचल में कबाड़ का अवैध कारोबार

बिना लाइसेंस और प्रशासन की अनुमति के बिना भी होता है करोड़ों का कारोबार। छोटे बच्चों को धंधे में लगा कर धकेल रहे अपराध की दुनिया में। इरशाद और पप्पू कोयलांचल में कबाड़ के सबसे बड़े कारोबारी।
Summary

सूदखोरों के बाद कबाड़ के नाम पर कालरियों की बेशकीमत माल गलाने वाले दो कबाड़ी दशकों से कोयलांचल में अपने कारोबार को फैलाए हुए है, स्थानीय पुलिस की मिलीभगत के कारण इनके कारोबार पर अभी तक अंकुश नहीं लग पाया है, प्रबुद्वजनों ने कबाड़ के अवैध कारोबार पर कार्यवाही करने के लिए नवागत पुलिस अधीक्षक से मांग की है।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। कोयलांचल क्षेत्र में सूदखोरो के अलावा कबाड़ के कारोबार में भी लाखों का अवैध कारोबार करने वाले कबाड़ियों का खेल भी नायाब है। कालरी से बेशकीमती मशीनों को गलाने व उसे अन्यंत्र भेजने में माहिर यह कबाड़ी वर्षो से बखूबी करते आ रहे है, लेकिन सूदखोरों की तरह यह भी स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्था का फायदा उठाने वाले कबाड़ियों पर कार्यवाही की मांग उठने लगी है। सूदखोरों पर कार्यवाही होने के बाद लोगों ने कबाड़ियों पर भी कार्यवाही की उम्मीदें लगाये हुए हैं। इरशाद और पप्पू कबाड़ी के अलावा कोयलांचल क्षेत्र में दर्जनभर कबाड़ी रद्दी के नाम पर लाखों का अवैध कारोबार संचालित कर रहे हैं।

पुलिस और प्रशासन का नहीं रोकटोक :

इस कारोबार में किसी का नियंत्रण न होने के कारण धड़ल्ले से फल-फूल रहा है, कोयलांचल में इन दिनों धड़ल्ले से कबाड़ियों का अवैध कारोबार चल रहा है। इस व्यवसाय को करने के लिए न तो किसी को लाइसेंस की जरूरत होती है और न ही किसी की अनुमति की आवश्यकता होती है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए सिर्फ एक स्टाक रजिस्टर की जरूरत होती है। स्टॉक रजिस्टर में खरीद-बिक्री किए गए समान को दर्ज कर इस व्यवसाय को आसानी से किया जा सकता है। इस व्यवसाय में पुलिस और प्रशासन का कोई रोकटोक नहीं होता है। जिसके कारण लाखों रूपए का अवैध कारोबार संचालित कर रहे हैं।

दिखावे की कार्यवाही :

मजेदार बात यह कि कोयलांचल में दो दर्जन से भी अधिक कबाड़ के व्यवसायी हैं। जो बेरोकटोक व बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। इन पर किसी का नियंत्रण नहीं होने से जिले में दिन ब दिन कबाड़ियों की संख्या में बढ़ती जा रही है। कबाड़ी बिना सत्यापन के साइकिल, मोटरसाइकिल एवं अन्य चोरियों के सामान को बेधड़क खरीद रहे हैं। इस व्यवसाय में जिले के बाहर से आए लोग सक्रिय हैं। उनके द्वारा ही जिले में इस व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। आलम यह है कि पुलिस कबाड़ियों पर नकेल नहीं कस पा रही है। कभी कभार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर औपचारिकता पूरी की जाती है, जो रद्दी व चोरी के एकाध सामान पार करते हैं।

पानी के मोल खरीद रहे कबाड़ :

जिले में अक्सर सोलर प्लेट, साइकिल व बाइक चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। दिन-दहाड़े सार्वजनिक स्थानों से साइकिल और बाइक चोरी हो रहीं हैं, साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती। बाइक और साइकिल चोरी की रिपोर्ट तो लिखी जाती है, लेकिन अक्सर ये वापस नहीं मिलते। इसका कारण यह है कि चोरी की साइकिल और बाइक के कलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेच दिया जाता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान व घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती समान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों कमाते है।

धंधे में बच्चे भी :

कई मामले ऐसे भी आए हैं, जिनमें कबाड़ी बच्चों से चोरी के माल खरीदते हैं, वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किशोरों को चोरी करने के लिए प्रेरित करते हैं। ये किशोर प्राय: गरीब तबके के होते हैं। पारिवारिक व सामाजिक मार्गदर्शन नहीं मिलने से वे घरो के आसपास फेंके गए कचरे में से कबाड़ चुनते है बाद में इन बच्चों पर पारिवारिक नियंत्रण नहीं होने के कारण नशे के गिरफ्त में आ जाते है और अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए चोरी के धंधे में उतर आते हैं।

कबाड़ व्यवसायियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं :

कबाड़ का व्यवसाय करने वालों के खिलाफ पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से इनके हौसले बुलंद हो गए हैं और ये बेधड़क चोरी के सामानों की खरीद बिक्री के काम में लगे हुए हैं। यदि पुलिस के द्वारा ऐसे व्यवासियों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी तो कोयलांचल से चोरी हुए कई समान इनके पास से बरामद हो सकता है। यहां के कबाड़ियों के पास ज्यादातर भवन निर्माण में उपयोग होने वाले छड़, वाहनों के चक्के एवं अन्य सामाग्री आसानी से बरामद किया जा सकता है।

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