भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे को प्रायोरिटी कॉरिडोर का दर्जा!

दो सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट को मध्य प्रदेश सरकार ने अब भोपाल-इंदौर प्रायोरिटी कॉरिडोर के नाम से विकसित करने की योजना बनाई है। NHAI अनजान!
पुराने सिक्सलेन प्रोजेक्ट को मिली गति! (सांकेतिक चित्र)
पुराने सिक्सलेन प्रोजेक्ट को मिली गति! (सांकेतिक चित्र)- Social Media

हाइलाइट्स –

  • पुराने सिक्सलेन प्रोजेक्ट को मिली गति!

  • प्रायोरिटी कॉरिडोर को जोड़ने की है तैयारी!

  • 1253 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण का लक्ष्य

  • 4 जिलों के 124 गांवों से होकर गुजरेगा मार्ग

राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में सड़क परिवहन को गति देने के मकसद से भोपाल-इंदौर द्रुत मार्ग (एक्सप्रेस-वे) को अब प्रायोरिटी कॉरिडोर का दर्जा दिया गया है। हालांकि यह सड़क मार्ग रहेगा सिक्स लेन ही। इससे जुड़े तीन बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइलों के खुलने से ऐसा हुआ।

अंतिम फैसला जल्द -

भोपाल-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े नियंत्रित (कंट्रोल्ड) सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे को नये नामकरण से विकसित करने का निर्णय लिया गया है। लगभग दो सालों से लंबित इस प्रोजेक्ट को मध्य प्रदेश सरकार ने अब भोपाल-इंदौर प्रायोरिटी कॉरिडोर के नाम से विकसित करने की योजना बनाई है।

इतने करोड़ -

तकरीबन 5 हजार 29 करोड़ रुपये का अनुमानित यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के विकास के लिए काफी अहम बताया जा रहा है। सालों से लंबित इस परियोजना को अब पुरानी प्रस्तावित योजना के अनुसार ही साकार करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला आना अभी बाकी है।

बीजेपी-कांग्रेस -

मध्य प्रदेश में बीजेपी की शिवराज सिंह चौहान वाली पिछली सरकार के कार्यकाल में इस परियोजना को साल 2018 की कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन 15 महीने वाली कांग्रेस के मुख्यमंत्री कमलनाथ वाली सरकार के वक्त प्रोजेक्ट रुका रहा।

काम फिर शुरू –

अब सरकार बदली तो प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हो रहा है। इसके अलावा चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे की फाइलें भी फिर से दौड़ गईं हैं। सूत्रों के मुताबिक इन द्रुत मार्गों का काम भी जल्द गति पकड़ सकता है।

अटल को समर्पित -

मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को चंबल एक्सप्रेस वे का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम कर दिया। ऐसे में अब यह एक्सप्रेस-वे अटल प्रोग्रेस-वे के नाम से पहचाना जाएगा।

5 से 6 सौ करोड़ -

योजना से जुड़े विभागीय सूत्रों के अनुसार पूर्व में प्रस्तावित सिक्स लेन प्रोजेक्ट में ही प्रायोरिटी कॉरिडोर का विस्तार किया जा रहा है। जिससे सड़क परिवहन को निर्बाध रफ्तार मिल सकेगी।

बातें खास-खास -

यह एक्सप्रेस-वे 146 किलोमीटर से अधिक दूरी का होगा जिसमें 119 किलोमीटर से अधिक दूरी को नियंत्रित करने की योजना है। बीजेपी की सरकार आने के बाद इस योजना को रफ्तार मिलने की बात सूत्रों ने कही।

इनका कायाकल्प –

इस एक्सप्रेस वे के लिए क्षेत्रों का चुनाव हो चुका है। यह भोपाल के बड़झिरी से देवास के करनावद तक बनाना प्रस्तावित है। यह द्रुत मार्ग भोपाल, रायसेन, सीहोर और देवास जिलों के लगभग सवा सौ गांवों से होकर गुजरेगा।

जमीन अधिग्रहण -

इस बड़ी परियोजना के लिए तकरीबन 1253 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें सरकारी जमीन का हिस्सा कुल 35 हेक्टेयर और वन भूमि का हिस्सा 158 हेक्टेयर रहेगा।

अधिग्रहण खर्च -

जमीन पर अधिग्रहण करने के लिए सरकार को 5 से 6 सौ करोड़ रुपए लगने का अनुमान परियोजना से जुड़े सूत्रों ने जताया है। हालांकि इस उद्देश्य पर कम से कम खर्च राशि खर्च हो इस बारे में आगामी बैठक में विचार संभव है।

इधर यह प्रक्रिया शुरू -

चंबल प्रोग्रेस-वे का भूमि पूजन होने के बाद संबंधित मार्ग के लिए भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह सड़क खतौली से श्योपुर, मुरैना होकर भिंड तक कुल 309 किलोमीटर लंबाई की बनाई जाएगी। अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक तकरीबन 2000 एकड़ जमीन विकसित करने की लागत 6 हजार 1 सौ 93 करोड़ आ सकती है।

आर्थिक रफ्तार का लक्ष्य-

इस प्रोग्रेस वे के आसपास रक्षा, खाद्य, भारी उद्योगों के साथ वेयर हाउसिंग-लॉजिस्टिक सेक्टर्स को विकसित करने का समन्वित प्लान भी सरकार का है। ताकि सड़क मार्ग के आस-पास आर्थिक गतिविधियों को भी सार्थक गति मिल सके।

नर्मदा एक्सप्रेस-वे –

मध्य प्रदेश में 1265 किमी लंबे नर्मदा एक्सप्रेस-वे का प्राथमिक सर्वे कमलनाथ सरकार के पहले कर लिया गया था। शिवराज सरकार के जाते ही फाइल भी बंद हो गई। सर्वे के मुताबिक इस एक्सप्रेस वे से 29 शहर-कस्बे जुड़ेंगे। कहा जा रहा है कि सरकार बदली है तो परियोजना का काम फिर शुरू कर दिया गया है।

ये होंगी खासियत -

नर्मदा एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश में माँ नर्मदा के उद्गम अमरकंटक से शुरू होगा और गुजरात के अंकलेश्वर तक विस्तार लेगा। इसमें हरदा-खंडवा के 112 किलोमीटर इलाके के धार्मिक क्षेत्रों , औद्योगिक इकाइयों को भी जोड़ा जाएगा।

चंबल प्रोग्रेस-वे का बजट तैयार हो गया है। भोपाल-इंदौर में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं, इसलिए प्रायोरिटी कॉरिडोर का विस्तार जल्द से जल्द करेंगे।

- गोपाल भार्गव, मंत्री, पीडब्ल्यूडी

NHAI का कहना -

मीडिया रिपोर्ट्स के बाद इस बाबत जब हमने एनएचएआई से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी से प्रायोरिटी कॉरिडोर के लक्ष्यों को जानने चर्चा की तो उन्होंने बताया -

“अभी एमपीएसआरडीसी बैठक के बाद जब डीपीआर बनाकर देगी, उसके बाद ही हम अपना काम शुरू करेंगे , फिलहाल उनके अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं।”-

विवेक जायसवाल, सीजीएम, मध्य प्रदेश, एनएचएआई

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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