Bhopal-Indore Metro Train:AI तकनीक, सायबर अटैक-हैकिंग प्रूफ, जर्म कंट्रोल,ओब्स्टेकल -डीरेलमेंट डिटेक्शन से लेस
हाइलाइट्स :
मई 2024 तक मेट्रो ट्रेन होगी आम आदमी के लिए उपलब्ध।
मेट्रो ट्रेन के कोच को बनाया जाएगा अत्याधुनिक तकनीक से लेस।
मेट्रो ट्रेन की होगी 15 साल की सेवा गारंटी।
भोपाल। मध्यप्रदेश में सबसे पहले भोपाल-इंदौर शहर में मेट्रो ट्रेन को संचालित किया जाएगा। सितम्बर 2023 में दोनों ही शहरों में ट्रेन कक ट्रायल शुरू होगा। ट्रायल के दौरान सुरक्षा और तकनीक की कसौटी पर ट्रेन के कोच को मापा जाएगा। मई 2024 तक मेट्रो ट्रेन आम आदमी के लिए उपलब्ध होगी। इस मेट्रो ट्रेन के कोच में क्या नई तकनीक हैं और क्या विशेषताएं हैं राजएक्सप्रेस आपको बता रहा है पढ़ें...
मेट्रो ट्रेन की विशेषताएं :
मेट्रो कोच में ऑटोमेटिक डोर (Door) की व्यवस्था होगी।
स्टार्ट स्टॉप इमरजेंसी हैंडलिंग टेक्नोलॉजी से लेस होगा।
सायबर अटैक और हैकिंग प्रूफ।
आटोमेटिक ओब्स्टेकल और डेराइलमेंट डिटेक्शन।
50 लोगों के बैठने और 300 के खड़े होने की व्यवस्था।
हर 2 से 3 मिनट में ट्रैन के आने जाने की सुविधा।
ब्रेक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत।
जर्म कंट्रोल और एयर फिल्ट्रेशन
AI आधारित सीसीटीवी कैमरा।
आटोमेटिक फेस आइडेंटिफिकेशन
आटोमेटिक स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था।
हाईलेवल पैसेंजर सेफ्टी।
दिव्यांगों के लिए स्पेशल व्हील चेयर स्पेस
15 साल की सेवा गारंटी।

मेट्रो कोच में ऑटोमेटिक डोर की व्यवस्था होगी। ऑटोमेटिक डोर बिना मानवीय हस्तक्षेप के काम करता है। यह किसी व्यक्ति को महसूस करने पर स्वचालित रूप से खुलता है और बंद होता है।

बढ़ते सायबर अपराधों को देखते हुए भोपाल-इंदौर मेट्रो ट्रैन को सायबर हमले और हैकिंग के प्रुफ बनाया जाएगा।

बढ़ते ट्रेन एक्सीडेंट को रोकने के लिए मेट्रो ट्रेन में आटोमेटिक ओब्स्टेकल और डेराइलमेंट डिटेक्शन डिवाइस लगाया जाएगा जिससे लोकोमोटिव ड्राइवर को पहले ही रस्ते में आने वाले बाधाओं की सूचना मिल जाएगी।

मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 यात्रियों के खड़े होने की क्षमता होगी।

मेट्रो ट्रेन की क्षमता है कि, यह हर 2 मिनट में आ-जा सकता है।

स्वछता को ध्यान में रखते हुए मेट्रो में एयर फ़िल्टर की व्यवस्था होगी जिससे यात्रियों को स्वच्छ वायु मिल सके और उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे। इसके मेट्रो में अलावा जर्म कंट्रोल की व्यवस्थ भी की गई है।

ऊर्जा की बचत को ध्यान में रखते हुए ट्रैन में ब्रेक के साथ-साथ ऊर्जा री-जनेरेट हो ऐसी व्यवस्था भी की जाएगी।

मेट्रो ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे जोकि एआई तकनीक से संचालित होंगे। AI तकनीक से मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले कठिन कार्य कम्प्यूटर आसानी से कर लेता है।

मेट्रो कोच में ऑटोमेटिक फेस आइडेंटिफिकेशन की व्यवस्था होगी जिससे यात्रियों विशेषकर महिला यात्रियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोका या कम किया जा सकेगा। इस तकनीक से किसी व्यक्ति के चेहरे को स्कैन कर उसकी सारी जानकारी का पता लगाया जा सकता है।

मेट्रो कोच में व्यवस्था होगी की कोच में आने वाला प्रकश स्वयं जरुरत के हिसाब से नियंत्रित हो जाएगा इसके लिए किसी मानवीय हस्तक्षेप की जरुरत नहीं होगी।

मेट्रो ट्रेन में यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाईलेवल पैसेंजर सेफ्टी सिस्टम होगा।


मेट्रो ट्रेन में दिव्यांग यात्रियों को ध्यान में रखते हुए विशेष स्पेस की व्यवस्था की गई है जिससे उन्हें यात्रा के दौरान असुविधा न हो। इसके साथ ही मेट्रो ट्रैन पर 15 साल की सेवा की गारंटी भी दी जाएगी जिससे इसका मेंटेनेंस अच्छे से हो सके।
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