Bhopal News : उत्तर पुस्तिका का पेज लेकर परीक्षा देने पहुंची बीयू की छात्रा
भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (BU) ने परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लगाने के लिए दो उडऩदस्ते तैयार किए गए हैं। उडऩदस्तों ने अब तक 155 से ज्यादा विद्यार्थियों पर नकल प्रकरण दर्ज किए हैं। इस सत्र में एक ऐसा नकल प्रकरण भी सामने आया है, जिसमें परीक्षार्थी उत्तर पुस्तिका के एक पेज पर नकल सामग्री लिखकर परीक्षा हॉल पहुंचा था। यह प्रकरण व्यवस्था पर बड़ा प्रश्र खड़ा करता है कि आखिर उक्त छात्रा के पास पहले से ही परीक्षा उपयोगी उत्तर पुस्तिका का पेज कैसे पहुंचा। हालांकि मिलान के बाद स्पष्ट हुआ कि उक्त पेज उस दिन परीक्षार्थियों को दी गई उत्तर पुस्तिका का पेज नहीं था।
इसके अलावा उडऩदस्ते ने मोबाइल सामने रखकर नकल वाले 18 प्रकरण बने, 12 प्रकरण ब्लूटूथ वाले , 3 स्मार्ट वाच, लगभग 12 प्रकरण मोजे में पर्चियां, दो प्रकरण रुमाल में लिखा हुआ और एक प्रकरण यूनिवर्सिटी की कापी के पेज पर मैटर लिखा हुआ था। शेष प्रकरणों में पाकेट में मोबाइल, कापी और पाकेट्स में पर्चियां मिलने के प्रकरण दर्ज किए।
नकल पर लगेगा 3 साल का प्रतिबंध
बीयू ने परीक्षा का समन्वयक एवं परीक्षा नियंत्रण कक्ष प्रभारी प्रो. पवन मिश्रा को बनाया है। प्रो. मिश्रा ने बताया कि वर्तमान कुलपति प्रोफेसर एसके जैन के निर्देश और परीक्षा पर नियंत्रण के कारण इस वर्ष विगत वर्ष की तुलना में कम नकल प्रकरण बने हैं। जो नकल प्रकरण बने है उन पर विश्वविद्यालय यूएफएम समिति द्वारा जांच की जाएगी, जिसमें प्रत्येक प्रकरण के स्थिति के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। यदि किसी विद्यार्थी द्वारा नकल की गई है तो उसे एक से 3 साल तक परीक्षा से वंचित रखा जाएगा। कमेटी उनकी एक विषय या पूरी परीक्षा भी निरस्त कर सकती है।
विवि द्वारा बनाए गए हैं दो उडऩदस्ता दल
परीक्षाओं पर नियंत्रण रखने के लिए विवि द्वारा परीक्षा नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है। समन्वयक प्रो. मिश्रा ने दो उडऩदस्ता दल बनाए हैं। दल क्रमांक एक में संयोजक संतोष कुमार भदौरिया हैं। उसके सदस्य शशांक शेखर ठाकुर, यूपी शुक्ला, सोनिया पटेल, कमलेश नेगी हैं। वहीं उडऩदस्ता दल क्रमांक दो में प्रतिभा सिंह संयोजक और अच्छेलाल अंसारी, मंजूलता पाठक और डॉ. एसएस यादव सदस्य हैं।
इनका कहना है
यह प्रकरण 8-10 दिन पहले आष्ठा के प्रायवेट कालेज का है। मैंने देखा एक छात्रा के पास विवि द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली एक उत्तर पुस्तिका का पेज पहले से ही था, जिसपर वो कुछ मैटर लिखकर लाई थी और उत्तरपुस्तिका में छिपाकर रखे हुई थी। यह सवाल तो उठता ही है कि उसे उत्तर पुस्तिका का पेज पहले से कैसे मुहैया हुआ।
- प्रो. प्रतिभा सिंह, एमवीएम कॉलेज (संयोजक उडऩदस्ता दल)
मुझे इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। पता कर रहा हूं क्या है मामला।
- प्रो. शैलेन्द्र कुमार जैन, परीक्षा नियंत्रक बरकतउल्ला विवि
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