दो नेताओं की जिद्द पर गुमराह हुए थे निगम कर्मचारी
दो नेताओं की जिद्द पर गुमराह हुए थे निगम कर्मचारीसांकेतिक चित्र

Bhopal : दो नेताओं की जिद्द पर गुमराह हुए थे निगम कर्मचारी

भोपाल, मध्यप्रदेश : सोमवार को हुई हड़ताल को लेकर कर्मचारी संगठनों में मतभेद हो गए हैं। दो नेताओं की जिद्द के कारण कर्मचारी हड़ताल पर अड़ गए थे।

भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल मंगलवार को खत्म हो गई है। हालांकि सुबह से ही सभी कर्मचारी अपने-अपने काम पर लौट आए थे। लेकिन दोपहर में जब कर्मचारियों ने हड़ताल नहीं की तो कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया। सोमवार को हुई हड़ताल को लेकर कर्मचारी संगठनों में मतभेद हो गए हैं। दो नेताओं की जिद्द के कारण कर्मचारी हड़ताल पर अड़ गए थे। लेकिन जब कर्मचारियों को इसकी हकीकत पता चली तो उन्होंने नेताओं से किनारा कर लिया।

दरअसल, बीते शुक्रवार को नगर निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों सहित विनियमित कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय का घेराव करते हुए सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी थी। सोमवार को कुछ कर्मचारी हड़ताल पर चले भी गए थे। जिस करण शहर के कई इलाकों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं हो सका था। जबकि हड़ताल की चेतावनी के दौरान ही निगम प्रशासन ने कर्मचारी नेताओं से मुलाकात कर उनकी मांग मान ली थी। अखिल भारतीय सफाई मजूदर ट्रेड सहित मप्र हरिजन कल्याण संघ और राष्ट्रीय मजदूर संघ के नेताओं ने निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी से मुलाकात करने के बाद हड़ताल वापस ले ली थी। लेकिन संयुक्त मोर्चा के नेता इरफान अल्ताफ और अशोक वर्मा हड़ताल के लिए अड़े रहे। सोमवार को इन्हीं नेताओं के कहने पर निगम वाहनों के ड्रायवर काम पर नहीं आए।

निगम ने लिखित में दिया आश्वासन :

मंगलवार को निगम प्रशासन ने कर्मचारी नेताओं को लिखित में उनकी मांगों को मानते हुए भरोसा दिलाया कि सभी 6 सूत्री मांगे मान ली गई हैं। निगम ने लिखित में दिया कि विनियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची जारी हो चुकी है और पद गठन के लिए आदेश जारी हो चुके है, वहीं कर्मचारियों को सातवें वेतन के अंतिम किश्त का भुगतान मार्च 2023 तक हो जाएगा। दैवेभो कर्मचारियों के काम के अनुसार कुशल, अर्धकुशल श्रेणियों पर रखा जाकर पारिश्रमिक का भुगतान का प्रावधान अगले बजट में किया जाएगा। विनियमित कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रित को अनुकंपा दी जाएगी। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को उनके मूल विभाग वापस करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा और पदोन्नति के संबंध में शासन स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। शासन से आदेश मिलते ही पदोन्नत किया जाएगा।

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