Bhopal : निगम का खजाना खाली, वेतन के लाले, ऊपर से लोन लेने की तैयारी
भोपाल, मध्यप्रदेश। नगर निगम अपने कर्मचारियों को 60-60 दिन में वेतन दे रहा है। मांगने पर खजाना खाली होने का हवाला दिया जाता है। उस पर भी निगम अपने प्रोजेक्ट लगाने के लिए 55 करोड़ का लोन लेने जा रहा है। जब समय पर वेतन ही जारी नहीं हो रहा है तो बैंक किश्त कैसे जमा होंगी? कुछ ऐसे ही मुद्दों के साथ विपक्षी दल के कांग्रेसी पार्षद परिषद बैठक में सत्ता पक्ष और निगम प्रशासन को घेरेगा।
दरअसल शनिवार को आयोजित होने वाली नगर निगम की परिषद में तीन मुद्दे ही खास रहने वाले हैं। विपक्षी दल के कांग्रेस पार्षदों ने इन मुद्दों को उठाने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है। इसके अलावा एक मुद्दा नरेला विधानसभा के वार्डों में होने वाले कामों के प्रस्ताव का भी रहेगा। हालांकि इस मुद्दे पर महापौर मालती राय सहित निगम प्रशासन स्पष्ट कर चुका है कि 122 करोड़ रूपए पूरे भोपाल के लिए स्वीकृत हुए हैं। इसलिए कांग्रेसी पार्षद नीमच में लगने वाले विंड पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 55 करोड़ लेने का विरोध करेगा। इससे पहले भी 3 नवंबर को आयोजित परिषद बैठक में पॉवर प्रोजेक्ट को वापस कर दिया गया था।
एमआईसी मेंबर देंगे हर सवाल का जवाब :
इधर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए संबंधित विभागों के एमआईसी मेंबरों को तैयार रहने को कहा गया है। जिस मुद्दे पर विपक्ष हल्ला बोल करेगा, उसे संबंधित विभाग का एमआईसी मेंबर स्थिति को अवगत कराते हुए फायदे गिनाएंगे।
एडीसी के एक्सटेंशन पर विपक्ष मांगेगा जानकारी :
अपर आयुक्त एमपी सिंह और यांत्रिक विभाग के पीके जैन का रिटायर्डमेंट करीब है। सूत्रों की माने तो दोनों अधिकारी दो-दो साल के लिए निगम में सेवाएं देना चाहते हैं। अशोक पवार की तर्ज पर ही वित्तीय पॉवर के साथ उन्हें एक्सटेंशन देने की तैयारी चल रही है। विपक्षी दल कांग्रेस इसकी पूरी जानकारी परिषद में मांग सकता है।
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