विभाग की गाइड लाइन जारी, अतिशेष शिक्षकों को हटाने की तैयारी
विभाग की गाइड लाइन जारी, अतिशेष शिक्षकों को हटाने की तैयारीSocial Media

Bhopal : विभाग की गाइड लाइन जारी, अतिशेष शिक्षकों को हटाने की तैयारी

भोपाल, मध्यप्रदेश : विभाग का कहना है कि पॉलसी के अनुसार स्कूलों में नहींं रहेगा कोई सरप्लास। विभाग के अनुसार रूतबेदारों की पत्नियां और नजदीकी लोग ज्यादातर अतिशेष।

भोपाल, मध्यप्रदेश। वार्षिक परीक्षाओं की नजदीक घड़ी को देख स्कूल शिक्षा विभाग विसंगतियों को सुधारनें में जुट गया है। बच्चों को उत्कृष्ट अध्यापन देने के लिए शहरों और कस्बों के उन विद्यालयों पर अफसरों की नजर टिक गई है, जहां अतिशेष शिक्षक हैं। विभाग का कहना है कि नई तबादला नीति के अनुसार इन टीचरों को उन शालाओं में भेजने की पूरी तैयारी है जो सालों से शिक्षक विहीन हैं।

विभाग में अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को पॉलिसी के मुताबिक गाइड लाइन जारी कर दी गई है। शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के ऐसे स्कूल चिन्हित करें जहां पर अतिशेष शिक्षक हैं और जो बिना काम के व्यस्त होकर विभाग से वेतन ले रहे हैं। ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर पोर्टल पर अपलोड की जाए। ताकि इन शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा जाए, जहां बच्चे अधिक हैं और टीचरों की कमी बनी हुुई है। विभाग का अनुमान है कि प्रदेश मे करीब 20 हजार से अधिक शिक्षक अतिशेष हैं। अगर यह इन शिक्षकों का समायोजन होता है तो निश्चित तौर पर अध्यापन व्यवस्था को सुचारू बनाने में विशेष मदद मिल सकती है। विभाग का कहना है कि दिसंबर अंत तक यह प्रक्रिया कंपलीट कर ली जाएगी। इसके लिए समस्त संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारी काम में जुट गए हैं।

रूतबेदारों की पत्नियां बनी अतिशेष :

विभाग का कहना है कि राजधानी से लेकर जिलों और कस्बा मुख्यालयों में अनेक अफसर, छुटभैया नेता और अन्य प्रभावशालियों की पत्नियों से लेकर उनके नजदीकी रिश्तेदार स्कूलों में सबसे अधिक अतिशेष हैं। प्रभाव के आधार पर इन्होंने सुविधा के अनुसार शहरों के स्कूलों में जरूरत न होने के बाद भी अपनों का तबादला करवाया है। इन्हें बताया भी गया है कि शहरों में पूर्व से संबंधित विषयों के टीचर हैं, लेकिन इन्होंने प्रभाव का इस्तेमाल कर इन संस्थाओं में परिजनों को रखवाकर स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था चौपट करवाने में महत्वपूर्ण रोल अदा किया है।

विभाग के समक्ष है अनेक चुनौतियां :

प्रदेश में अतिशेष शिक्षकों को हटाने में विभाग के समक्ष हमेशा चुनौतियां बनी रही हैं। वर्ष 2012 से अभी तक के आंकड़े देखें तो शहरों में अतिशेष शिक्षकों को हटाने की प्रक्रिया तो हुई, लेकिन इस समयोजना में ताकतवर लोगों के नजदीकी यथावत रहे हैं। जबकि जो लोग अतिशेष की श्रेणी में आते ही नहीं थे तो उन्हें हटाकर दूरस्थ ग्रामों के स्कूलों में भेजा गया है। हालांकि विभाग का कहना है कि इस बार ऐसा नहीं चलेगा। शहरों के स्कूलों में जो अतिशेष हैं, उन्हें ग्रामों में जाना होगा।

भोपाल के हर संकुल में अतिशेष :

भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की मानें तो राजधानी में जितने भी हायर सैकेण्डरी स्कूल संकुल केन्द्र हैं। वहां हर विद्यालय में अतिशेष शिक्षक हैं। आनंदनगर, गांधीनगर, करोद, मिसरौद, बगरौदा, रातीबड़, नवीन कन्या, कस्तूरबा, नूतन सुभाष, गिन्नौरी हमीदिया, सुल्तानिया कन्या स्टेशन एरिया, बालक उमावि स्टेशन एरिया, बालक बैरसिया जैसे स्कूलों में अतिशेष शिक्षक हैं। हालांकि हाल के दिनों में जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्यों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे टीचरों को उन स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेजा जाए, जहां विषय शिक्षकों की कमी बनी हुई है।

इनका कहना :

नई तबादला नीति के अनुसार अतिशेष शिक्षकों को हटाया जाना है। शीघ्र ही यह प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। ऐसे शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा जाएगा, जहां टीचरों की बच्चों की संख्या के अनुपात में कमी बनी हुई है।

अभय वर्मा, कमिश्नर, लोक शिक्षण संचालनालय

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