Burhanpur : तीर-गोफन के आगे नहीं टिक पाए वनकर्मियों को मिले हेलमेट
बुरहानपुर, मध्यप्रदेश। अतिक्रमणकारियों के हमले से सुरक्षा प्रदान करने के लिए वन विभाग ने कर्मचारियों को हेलमेट और शील्ड उपलब्ध कराई हैं, लेकिन गोफन से चले पत्थरों के आगे हेलमेट भी नहीं टिक पाए। जिस भी वनकर्मी को पत्थर लगा उसके हेलमेट में छेद हो गया। इसके साथ ही शील्ड भी अतिक्रमणकारियों के तीर के आगे अभेद्य साबित नहीं हो सकी। कई वनकर्मियों की शील्ड में तीर धंस कर दूसरी ओर निकल गए थे। गनीमत थी कि शील्ड शरीर से काफी दूर थी। जिसके चलते वे घायल होने से बच गए। वन और पुलिसकर्मियों पर अतिक्रमणकारियों ने शनिवार सुबह घातक हमला किया था। बावजूद इसके वनकर्मी शनिवार रात जंगल में डटे रहे। डीएफओ अनुपम शर्मा ने बताया कि जंगल में कहीं भी अतिक्रमणकारी नजर नहीं आए हैं। जंगल में चिन्हित पी वन और टू में फोर्स अब भी तैनात है। ज्ञात हो कि शनिवार को वन और पुलिस का अमला जंगल में जाने की तैयारी कर ही रहा था कि ग्रामीण जंगल में घुस गए थे। उनकी सुरक्षा के लिए फोर्स को भी जंगल में जाना पड़ा था। इसी दौरान तीन सौ से ज्यादा अतिक्रमणकारियों ने तीर व गोफन से हमला कर दिया था। जिसमें चौदह लोग घायल हुए थे, सभी घायल खतरे से बाहर बताए गए हैं।
डीएफओ भी घायल हुए, ग्रामीणों ने लगाया मरहम :
अतिक्रमणकारियों के हमले में डीएफओ अनुपम शर्मा भी घायल हुए हैं। उन्होंने कई पत्थर झेले। इनमें से कुछ पत्थर उनके हाथ, जांघ व सीने में लगे, जिससे वे घायल हो गए। वापस लौटने के बाद ग्रामीणों ने खुद उन्हें मरहम लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि वे निहत्थे होकर भी अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने का साहस तो दिखा रहे हैं। डीएफओ ने बताया कि उनके आसपास से सांय-सांय की आवाज करते हुए पत्थर गुजर रहे थे। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि उनकी रफ्तार बंदूक से निकली गोली जैसी थी।
वनमंत्री ने कटनी में कहा कार्रवाई करेंगे :
प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह रविवार को कटनी जिले के प्रवास पर थे। इस दौरान कुछ पत्रकारों ने उनसे बुरहानपुर के घाघरला में हुए हमले पर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों को उकसाने वाले लोगों को चिन्हित किया गया है। जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जानकारी नहीं होने के कारण यह बड़ी घटना हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमणकारी हमारे बीच के लोग हैं और जमीन के लालच में यह कर रहे हैं। जंगल खुला है और बंदूक लेकर उनकी सुरक्षा संभव नहीं है।
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