कैबिनेट से अतिथि विद्वानों का 50 हजार रुपए मासिक वेतन वृद्धि प्रस्ताव पारित, शिक्षा विभाग ने बढ़ाए मात्र 500
भोपाल, मध्यप्रदेश। कुछ समय पहले प्रदेश में अतिथि विद्वानों के लिए कैबिनेट द्वारा मानदेय बढ़ाने सम्बंधित प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था। अतिथि विद्वानों का आरोप है कि, उच्च शिक्षा विभाग ने कैबिनेट निर्णय की अवहेलना की है और निर्णय का पालन नहीं किया है। अतिथि विद्वानों का कहना है कि, उनका मासिक वेतन 50 हजार रुपए करने का प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन उनका प्रतिदिन का वेतन 2 हजार रुपए किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश को अतिथि विद्वानों ने घोषणा के विरुद्ध बताया है।
11 सितंबर 2023 को अतिथि विद्वानों का भोपाल में महासम्मेलन हुआ था जिसमें अतिथि विद्वानों का दैनिक वेतन 1500 सौ रुपए की बजाए मासिक 50 हज़ार रुपए, 65 साल तक नौकरी, सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधाए और PSC परिक्षा में 25% रिजर्वेशन और अन्य घोषणा की गई थी। 16 सितम्बर की मध्यप्रदेश कैबिनेट बैठक में इस घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। उच्च शिक्षा विभाग ने इस प्रस्ताव से सम्बंधित आदेश 5 अक्टूबर को जारी किया था। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों कमें कार्यरत अतिथि विद्वानों को 1 अक्टूबर 2023 से प्रतिदिन 2 हजार रुपए करते हुए अधिकतम मासिक आय 50 हजार रुपए करने की स्वीकृति दी गई थी।



होलकर साइंस कॉलेज के अतिथि विद्वान डॉक्टर विनय दशोरे कि, 11 सितम्बर को मासिक वेतन 50 हजार, सरकारी कर्मचारियों जैसी सुविधा और अतिथि विद्वान जो लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है उसको बाहर नहीं किया जाएगा इस प्रकार की घोषणा हुई थी। कैबिनेट में इन घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव पारित हुए लेकिन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रतिदिन वेतन में वृद्धि हुई जबकि प्रस्ताव मासिक वेतन का पास हुआ था। पहले हमें 15 सौ रुपए प्रतिदिवस और अधिकतम 30 हजार मासिक मिल रहा था। इस प्रकार हमारे साथ छलावा हुआ है।
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