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भाजपा सर्वे की हवा से दावेदारो की हवाईयां उड़ी ,एक-दूसरे से पूछे रहे क्या हमारी विधानसभा की कोई रिपोर्ट है क्या

कांग्रेस ने अभी से ग्वालियर-चंबल संभाग पर अपना फोकस किया हुआ है ओर लगातार दौरे करने का क्रम शुरू कर दिया है।

ग्वालियर। भाजपा के अंदरूनी सर्वे की सोशल मीडिया पर जो हवा चल रही है उस हवा ने टिकट के दावेदारो के चेहरो की हवाईयां उड़ा दी है। अब सर्वे कराया गया है कि नहीं इसको लेकर पुख्ता कोई जानकारी भाजपा नेता नहीं दे रहा है, लेकिन इस सर्वे की हवा ने अच्छे -अच्छो की हवा खराब कर दी है ओर ऐसे में अब दावेदारो ने अपना टिकट पक्का करने के लिए नेताओ की चरण वंदना करना शुरू कर दी है। वैसे भाजपा में टिकट किसी सिफारिश से नहीं मिलता यह सभी जानते है, लेकिन इसके बाद भी दावेदार अपने स्तर पर प्रयासरत हो गए है।

ग्वालियर-चंबल संभाग में 34 विधानसभा सीटे है ओर पिछली बार की तरह इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसी संभाग की भागीदारी सरकार बनानें मेें हो सकती है इस बात को दोनों दलो के नेता समझ रहे है जिसके कारण कांग्रेस ने अभी से ग्वालियर-चंबल संभाग पर अपना फोकस किया हुआ है ओर लगातार दौरे करने का क्रम शुरू कर दिया है। वहीं भाजपा की तरफ से भी मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री लगातार अंचल के दौरे पर आकर सौगाते देने में लगे हुए है जिसके कारण कांग्रेस नेताओ की नींद खराब हो गई है, क्योंकि कांग्रेसी अब सोचने लगे है कि अगर भाजपा सरकार इसी तरह चुनाव तक सौगाते देती रही तो अंचल में भाजपा को टक्कर देना मुश्किल भरा साबित हो सकता है। यही कारण है कि कांग्रेस ने भी अपना वचनपत्र बनाने के लिए अंचल के लोगों से सुझाव लेने का काम शुरू कर दिया है साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि सत्ता में आने पर बहिनो को 1500 रुपए महीनो देंगे अब यह तो आगे देने की बात हुई जबकि भाजपा ने तो एक हजार रुपए देने का आवेदन लेना शुरू कर दिया है। अब यह बात तो जनता को अपने पाले में करने की हो गई, लेकिन भाजपा में सर्वे के बाद से हलचल मची हुई है अब यह सर्वे हुआ है कि नहीं इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया पर जिस तरह से सर्वे की जानकारी आ रही है उसके बाद से भाजपा के दावेदार खासे परेशान दिख रहे है, क्योकि उनको अब लगने लगा है कि कही टिकट कट न जाएं।

सबसे अधिक चिंता कांग्रेस से भाजपा में आने वालो को ...

भाजपा के सर्वे की जो रिपोर्ट आ रही है उसमें कई चेहरो को बदलने की बात कही जा रही है, क्योकि कुछ ऐसे नेता बताएं जा रहे है जिनकी स्थिति विधानसभा क्षेत्र में बेहतर नहीं बताई गई है। यही कारण है कि अब टिकट की चिंता सताने लगी है। यह चिंता सबसे अधिक उन लोगों को हो रही है जो कांग्रेस से भाजपा में आएं है। अब वह यह समझने लगे है कि भाजपा में टिकट मिलना काफी मुश्किल राह है, ऐसे में कुछ दावेदारो ने तो अपने नेताओ की चरण वंदना करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस से भाजपा में आएं नेता अब आपस में यह बात कहने लगे है कि कांग्रेस में टिकट एक नेता के सहारे ही मिल जाता था, लेकिन भाजपा में अब संकट है ऐसे में आगे की राजनीति कैसे होगी इसकी चिंता है।  गुजरात चुनाव के बाद तो प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुजरात फार्मूला अपनाने की चर्चा होने लगी थी, क्योंकि गुजरात  में भाजपा ने अपने अधिकाश विधायक व मंत्रियो के टिकट काटकर नए चेहरो को मौका दिया था ओर वहां भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली थी। गुजरात फार्मूले की चर्चा होने के बाद से ही कई भाजपा विधायक चिंतित हो गए है साथ ही सर्वे की रिपोर्ट उनके बारे मे क्या है इसकी जानकारी जुटाने में लगे हुए है, लेकिन तमाम कौशिश के बाद भी उनको सर्वे की रिपोर्ट की जानकारी नहीं मिल सकी है जिससे उनकी धड़कने ओर बढ़ती जा रही है।

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