हाइलाइट्स :
सीएम कमलनाथ ने की नरेंद्र मोदी से मुलाकात
करीब एक घंटे तक चली बैठक
16 हजार करोड़ की मांग की गयी है
बाढ़ से हुए नुकसान की रिपोर्ट सौंपी
राज एक्सप्रेस। कमलनाथ ने केंद्र सरकार से 16 हजार करोड़ का पैकेज माँगा है। सीएम ने राज्य में हुए बाढ़ से नुकसान की रिपोर्ट भी पीएम नरेंद्र मोदी के समक्ष पेश किया है। आज सुबह पीएम आवास में करीब एक घंटे तक चली मीटिंग में कमलनाथ ने बताया कि, 16 हजार करोड़ रूपये देने की मांग पीएम नरेंद्र मोदी से की गई है।
बाढ़ से हुए नुकसान के लिए मांगे गए हैं पैसे :
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर प्रदेश में अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों की फसलों को पहुँचे भारी नुकसान को लेकर रिपोर्ट सौंपी। कमल नाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि, वे जल्द से जल्द केन्द्रीय अध्ययन दल प्रदेश में भेजें, जिससे क्षति का पूरा आंकलन किया जा सके। उन्होंने नरेंद्र मोदी से प्रदेश में वर्षा के कारण हुई, भारी नुकसान को गंभीर आपदा की श्रेणी में रखने की माँग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय विकास आपदा कोष एवं अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिए लगभग 9 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का आग्रह किया, जिससे किसानों और आम जनता को हुए नुकसान की भरपाई कर सके।
नरेन्द्र मोदी ने मदद देने का दिया आश्वासन :
इस मीटिंग में उन्होंने यह भी कहा कि, प्रदेश में बड़े पैमाने पर खरीफ फसलों को क्षति पहुँची है, जिससे पूरा देश प्रभावित होगा, क्योंकि मध्यप्रदेश में उत्पादित फसलें पूरे देश की जरूरत पूरी करती हैं। उन्होंने कहा कि, अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण प्रदेश को 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को मदद देने का आश्वासन दिया है।
45 मिनिट तक चली यह मीटिंग :
मुख्यमंत्री कमल नाथ की लगभग 45 मिनिट तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा हुई। उन्होंने राज्य में भारी वर्षा के कारण हुई तबाही से कृषकों, मकानों, भवनों तथा अन्य क्षति के संबंध में प्रधानमंत्री को अवगत कराया। कमल नाथ ने प्रधानमंत्री को बताया कि, राज्य में अब तक सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। राज्य के 52 जिलों में से 20 जिलों में सामान्य से अधिक 60 प्रतिशत वर्षा हुई है।
सड़क मार्ग हुए क्षतिग्रस्त :
कमल नाथ ने बताया कि, मालवा क्षेत्र के मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा अत्याधिक वर्षा के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। धान को छोड़कर सभी फसलें प्रभावित हुई हैं। लगभग एक लाख मकानों को नुकसान पहुँचा है। श्री नाथ ने प्रधानमंत्री को बताया कि, अतिवृष्टि के कारण 242 गाँवों को पूर्ण या आंशिक रूप से खाली कराया गया। लगभग 1100 किलोमीटर सड़क मार्ग और 1700 से अधिक पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि, राज्य सरकार, भारत सरकार और विभिन्न एजेंसियों की मदद से 75 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों एवं राहत शिविरों तक पहुँचाया गया है। सभी प्रभावितों की रहने खाने, कपड़ों, दवाई आदि की व्यवस्था की गई है।
किसानों व अन्य प्रभावितों की मदद की जा सके :
कमल नाथ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि, पूर्व में केन्द्रीय अध्ययन दल आने के बाद से अब तक बारिश का दौर जारी है। इसलिए एक बार फिर से नुकसान का सर्वे करवाया जाए, जिससे जो नुकसान हुआ है उसका आंकलन किया जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय विकास आपदा राहत कोष से 6621.28 करोड़ रुपये और अधोसंरचना पुनर्निर्माण के लिए 2285.88 करोड़ रुपये तत्काल उपलब्ध करवाने को कहा, जिससे किसानों व अन्य प्रभावितों को मदद दी जा सके।
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