CM ने ब्रह्मलीन परम पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की समाधि पर पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश। आज एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर, नरसिंहपुर पंहुचने पर भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय नागरिकों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। यहां सीएम ने राजराजेश्वरी मां त्रिपुर सुंदरी के दर्शन एवं पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना की।
महाराज के श्रीचरणों में श्रद्धांजलि अर्पित कर श्रद्धेय संतों को सादर प्रणाम किया-
इसके बाद मुख्यमंत्री ने परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में ब्रम्हलीन शंकराचार्य परमपूज्य स्वामी श्रीस्वरूपानंद सरस्वती महाराज के श्रीचरणों में श्रद्धांजलि अर्पित कर श्रद्धेय संतों को सादर प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि, आपके दिखाए पथ पर चलकर हम सदा इस धरा एवं सनातन धर्म की सेवा करते रहेंगे।
ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों के त्रिवेणी संगम थे, परम पूज्य ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य महाराज : CM
मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारे संतों एवं ऋषियों ने ईश्वर को प्राप्त करने के तीन मार्ग- ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग, और कर्म मार्ग बताए हैं। ज्ञान, भक्ति और कर्म तीनों के त्रिवेणी संगम थे परम पूज्य ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज। 9 वर्ष की आयु में ही उन्होंने घर छोड़ दिया था। वह महान देशभक्त भी थे। उन्होंने ज्ञान पिपासा तो शांत की ही, आजादी की लड़ाई में भी भाग लिया। वह 19 महीने जेल में रहे और क्रांतिकारी साधु कहलाए।
उन्होंने धर्म की जय, अधर्म के नाश, प्राणियों में सद्भावना और विश्व के कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित किया। वह दीन, दुखी, दलितों और शोषितों के लिए जीवन भर काम करते रहे, चाहे झारखंड में विश्व कल्याण आश्रम हो, या अलग-अलग राज्यों में जनजातियों के कल्याण के काम। चिकित्सालय, विद्यालय, संस्कृत पाठशाला सहित अनेकों सेवा के कामों का सदैव उन्होंने संचालन किया है। समान नागरिक संहिता, अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण और गौ रक्षा जैसे विषयों पर हमेशा उन्होंने देश को जगाने का काम किया। मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं।
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