हिंदी साहित्य के पुरोधा आचार्य "हजारी प्रसाद द्विवेदी" की पुण्यतिथि पर कोटिश नमन: सीएम
Hazari Prasad Dwivedi Death Anniversary 2023: हज़ारी प्रसाद द्विवेदी हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। आज हिंदी साहित्य के पुरोधा आचार्य "हजारी प्रसाद द्विवेदी" की पुण्यतिथि पर देश उन्हें याद कर नमन कर रहा है। इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें याद कर नमन किया है।
"हजारी प्रसाद द्विवेदी" की पुण्यतिथि पर CM ने ट्वीट कर लिखा-
"हजारी प्रसाद द्विवेदी" की पुण्यतिथि पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर लिखा- हिंदी साहित्य के पुरोधा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की पुण्यतिथि पर कोटिश: नमन्! बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, अनामदास, सूर साहित्य, कबीर जैसी आपकी कालजयी कृतियां साहित्य जगत की अमूल्य निधि हैं। हिन्दी के महान सेवक को प्रणाम
मंत्री सारंग ने भी किया ट्वीट
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने ट्वीट कर लिखा- महान संकल्प ही, महान फल का जनक होता है-द्विवेदी जी, हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार, निबंधकार व पद्मभूषण से सम्मानित हज़ारी प्रसाद द्विवेदी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटिश: नमन। हिन्दी भाषा में साहित्य को और अधिक समृद्ध करने में आपका अतुलनीय योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन को नवीन दिशा प्रदान करने वाले प्रकांड विद्वान आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
नरोत्तम मिश्रा
19 मई 1979 को भारत में हुआ था आचार्य द्विवेदी का निधन
बता दें,अस्वीकार का साहस लेकर पैदा हुए हजारी प्रसाद द्विवेदी सही मायने में पं हजारी प्रसाद द्विवेदी थे, वैसे पंडित नहीं, जो शास्त्र पढ़कर जड़ हो जाता है, बल्कि वैसे, जो कबीर की तरह प्रेम या मनुष्यता का ढाई आखर पढ़कर पंडित होता है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की हिंदी के साथ साथ बांग्ला और अंग्रेजी भाषाएं भी आती थी लेकिन उन्होंने साहित्यिक रचनाएं हिंदी भाषा में ही की। इनके आलोक पर्व नामक निबंध पर इनको साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। वहीं, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का निधन 19 मई 1979 को दिल्ली, भारत में हुआ था।
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