सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलि
सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर सीएम शिवराज ने दी श्रद्धांजलिSyed Dabeer Hussain - RE

सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर सीएम शिवराज समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

आज 2 मार्च को 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर CM शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

Sarojini Naidu Death Anniversary: 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के नाम से प्रसिद्ध सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu) की आज 2 मार्च को पुण्यतिथि है। स्वतंत्र भारत में पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव इनके नाम है। उनके पुण्यतिथि के अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) समेत कई नेताओं ने उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी है।

शिवराज सिंह चौहान ने दी श्रद्धांजलि:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया है। उन्होंने कहा, "यदि आप दूसरों से शक्तिशाली हैं,तो दूसरों की मदद कीजिये। सरोजिनी नायडू, महान स्वतंत्रता सेनानी,उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल, भारत कोकिला #SarojiniNaidu जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धेय श्रद्धांजलि। राष्ट्र की सेवा और समाज की उन्नति के अप्रतिम कार्यों के लिए आपको सर्वदा याद किया जायेगा।"

नरोत्तम मिश्रा ने किया नमन:

वहीं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध कवयित्री और भारत की प्रथम महिला राज्यपाल #SarojiniNaidu जी की पुण्यतिथि पर नमन। आजादी की लड़ाई में कई आंदोलनों का नेतृत्व करने के साथ ही महिलाओं को मतदान का अधिकार दिलाने में आपकी अहम भूमिका देश के विकास में नारी शक्ति की महिमा को रेखांकित करती है।"

हैदराबाद में हुआ सरोजिनी नायडू का था जन्म:

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता अघोरेनाथ चट्टोपाध्याय (Aghorenath Chattopadhyay) हैदराबाद के निजाम कॉलेज में प्रिंसिपल थे। उनका निधन 2 मार्च, 1949 को हो गया था। सरोजिनी ने यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास के अलावा लंदन के किंग्स कॉलेज और उसके बाद कैंब्रिज के गिरटन कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। सरोजिनी गोपालकृष्ण गोखले को अपना 'राजनीतिक पिता' मानती थीं।

बचपन से ही सरोजनी नायडू की कविताओं में बहुत रुचि थी। उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत 12 साल की उम्र में की थी। उन्होंने अपने नाटक 'माहेर मुनीर' से पहचान हासिल की।

बता दें कि, सरोजिनी नायडू ने गांधीजी के साथ कई आंदोलनों में भाग लिया। वे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भी गई। 1925 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कानपुर में हुए अधिवेशन में प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष बनाई गईं। बाद में देश आजाद होने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

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