खाचरौद : कोरोना महामारी ने भक्त और भगवान के बीच बढ़ाई दूरियाँ

खाचरौद, मध्य प्रदेश : आखरी सवारी परंपरागत मार्ग से नॉनस्टॉप निकली भक्तों ने न फूल चढ़ाए न आरती की दूर से किये अपने भगवान के दर्शन।
नीलकंठेश्वर महादेव की शाही सवारी
नीलकंठेश्वर महादेव की शाही सवारीGaurav Kapoor

खाचरौद, मध्य प्रदेश। मध्यप्रदेश उज्जैन की तहसील खाचरौद में भादो माह की आखरी शाही सवारी पर कोरोना संकट नजर आया प्रतिवर्षानुसार निकलने वाली सवारी में इस वर्ष न बैंडबाजा था न डीजे था। नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर से पूजन अर्चन पश्चात प्रारंभ हुई सवारी पुराना थाना रावला कस्बा शीतला माता मार्ग गणेश देवली चबूतरा चौराहा होते हुए पुनः मंदिर पहुँची।

परम्परा का निर्वहन करते हुए शीतला माता मार्ग पर हरिहर मिलन सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में हुआ। वही रामोला मंदिर के बाहर होने वाली आरती भी सवारी के बिना रुके की गई। सवारी मार्ग में अपने अपने घरों से ही भक्तों ने भगवान नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन किये। शासन प्रशासन की गाइडलाइंस के चलते नीलकंठेश्वर मंदिर समिति खाचरौद एवं प्रशासन के निर्णय अनुसार भक्तों को भगवान को हार फूल अगरबत्ती लगाने से वंचित रहना पड़ा।

कोरोना महामारी का असर :

भक्त और भगवान के बीच कोरोना महामारी का असर देखने को मिला विभिन्न चौराहों पर होने वाली आरती नहीं हो सकी। प्रशासन के दिशा निर्देशों के पालन में कही भी स्वागत मंच दिखाई नहीं दिया। सवारी के दौरान खाचरौद तहसीलदार मधु नायक, थाना प्रभारी रविंद्र बारिया सहित पूरे पुलिस प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी सवारी में उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देशों का पालन करवाते दिखाई दिये। नीलकंठेश्वर महादेव भक्त मंडल ने मंदिर से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं का एवं खाचरौद प्रशासन सहित पुलिस अधिकारियों का आभार माना।

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