अनूपपुर : ऑनलाईन हो रही ऋण माफी, जमीन पर भटक रहे काश्तकार

जिला सहकारी बैंक और कृषि विभाग के बीच पूर्ववर्ती सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। सरकारी खजाने से राशि तो जारी कर दी गई, लेकिन बैंकों में आज भी उनके ऊपर कर्ज बना हुआ है।
ऑनलाईन हो रही ऋण माफी, जमीन पर भटक रहे काश्तकार
ऑनलाईन हो रही ऋण माफी, जमीन पर भटक रहे काश्तकारSyed Dabeer Hussain - RE

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान किसानों को ऋण माफी योजना भोपाल से हरी झंडी मिलने के बाद भी खेतों तक नही पहुंच पाई, हालांकि बड़ी संख्या में काश्तकारों को राहत मिली भी, लेकिन दर्जनों काश्तकार ऐसे भी हैं, जिन्हें ऑनलाईन पोर्टल में ऋण माफ होना दिखाया जा रहा है, लेकिन बैंकों में उनके खातो तक राहत राशि नही पहुंच पा रही है।

जिला सहकारी बैंक और कृषि विभाग के बीच पूर्ववर्ती सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना दम तोड़ती नजर आ रही है, जिले में आज भी दर्जनों ऐसे किसान है, जिन्हे तत्कालीन प्रदेश सरकार के निर्देश पर इस योजना के तहत् ऋण माफ कर, सरकारी खजाने से राशि तो जारी कर दी गई, लेकिन बैंकों में आज भी उनके ऊपर कर्ज बना हुआ है। इस मामले को लेकर किसानों ने कलेक्टर सहित कृषि विभाग व सहकारिता विभाग के अधिकारियों को पत्र भी सौपे है, लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही है।

मामला नंबर-1 :

जैतहरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम सकरा निवासी राम खेलावन पटेल पिता हरिमन पटेल ने ऋण माफी की राशि खाते में पोस्टिंग न होने संबंधी शिकायत बीते वर्ष 25 सितंबर को कलेक्टर अनूपपुर को दी थी, जिसमें काश्तकार ने उल्लेख किया था कि जय किसान ऋण माफी योजना में ऑनलाइन पावती प्रदान की गई है, पोर्टल में ऑनलाईन जिला सहकारी बैंक का ऋण माफ होना दिखाया जा रहा है, लेकिन सहकारी बैंक अनूपपुर से ऋण माफी की जो सूची जारी हुई है, उसमें हमारा नाम विलोपित है।

मामला नंबर-2 :

ग्राम सकरा के ही विजय पटेल व दुख्खू पटेल ने भी पत्र में यह उल्लेख किया है कि क्रमश: खाता नंबर 151 व 153 में 21 हजार 263 रूपए एवं 33 हजार 255 रूपए कर्ज दिखाया जा रहा है, जबकि ऑनलाईन में उनका ऋण माफ होना बता रहा है, महज सहकारी बैंक और कृषि विभाग की आपसी समन्वय न होने तथा अधिकारियों की मनमानी के कारण समस्या का निदान नही हो पा रहा है।

यह थी योजना :

जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 1अप्रैल 2007 से लेकर 31 मार्च 2018 तक के ऋण माफी करने की घोषणा पूर्ववर्ती सरकार द्वारा की गई थी, सत्ता में आने से पहले किये गये वादे को सरकार ने सत्ता में आते ही पूरा किया, जिसमें प्रथम, द्वितीय व अन्य चरणों में काश्तकारो की कटेगरी बनाकर ऋण माफ किया गया और यह राशि शासन के खाते से संबंधित विभागों को भेज भी दी गई थी।

बेनतीजा रही सीएम हेल्प लाईन :

रामखेलावन पटेल, विजय पटेल व दुख्खू पटेल की तरह ही जिले के दर्जनों किसान इस अनियमितता के शिकार हो रहे हैं, मजे की बात तो यह है कि काश्तकारो ने लगभग एक वर्ष पहले 28 जनवरी 2020 को जनसुनवाई में उपस्थित होकर मामले की शिकायत दी थी, यही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाईन में भी इसकी शिकायत दी, लेकिन अभी तक उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ।

इनका कहना है :

सोमवार को बैठक के दौरान बैंक के अधिकारी आयेंगे तो इसकी मैं चर्चा करता हूं, अगर किसान पात्र है तो उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा।

सरोधन सिंह, अपर कलेक्टर अनूपपुर

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