आदेश के बावजूद नहीं हुई आईएएस के खिलाफ जांच, हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर जारी किये नोटिस

कोर्ट ने बालाघाट जिले के तत्कालीन कलेक्टर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराये जाने संबंधी आदेश का पालन न होने को सख्ती से लिया।
हाईकोर्ट ने आदेश किए जारी
हाईकोर्ट ने आदेश किए जारीSocial Media

जबलपुर। हाईकोर्ट ने बालाघाट जिले के तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराये जाने संबंधी आदेश का पालन न होने को सख्ती से लिया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग तथा राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

यह अवमानना याचिका बालाघाट लांजी के पूर्व विधायक किशोर समरीते की ओर से दायर की गई है। जिसमें आरोप है कि बालाघाट जिले के तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य ने कस्टम मिलिंग व चांवल के अवैध कारोबारियों, कान्हा स्थित रिसोर्ट संचालकों, रेत ठेकेदारों, कंस्ट्रक्शन कंपनी से रिश्वत के रूप में मंहगे गिफ्ट खुद व परिजनों के नाम पर लिये थे। इस संबंध में उन्होने केन्द्र सरकार से शिकायत की थी। केन्द्र सरकार ने शिकायत पर कार्यवाही के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया गया था। राज्य सरकार ने जांच बालाघाट कलेक्टर को सौंप दी थी।

खुद पर लगे आरोपों की स्वयं जांच करते हुए क्लीन चीट प्रदान कर दी

तत्कालीन कलेक्टर दीपक आर्य ने खुद पर लगे आरोपों की स्वयं जांच करते हुए क्लीन चीट प्रदान कर दी है। तत्कालीन कलेक्टर द्वारा खुद की जांच किये जाने के खिलाफ उन्होंने केन्द्र सरकार से शिकायत की थी। केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को कार्यवाही करने निर्देश दिये थे। मुख्य सचिव द्वारा शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण उन्होनें हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने जनवरी 2022 को अपने आदेश में कहा था कि नियमानुसार जिस अधिकारी पर आरोप लगे, उसकी जांच वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए शिकायत की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने के आदेश जारी किये थे। शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी पर तथा गलत पाये जाने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ विधि अनुसार कार्यवाही के आदेश भी हाईकोर्ट ने पारित किये थे। हाईकोर्ट के आदेश बावजूद भी जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित नहीं किये जाने के कारण उक्त अवमानना याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अनावेदक श्रीमति दीप्ति गौड़ मुखर्जी तथा मनीष रस्तोगी को नोटिस जारी किये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे पैरवी की।

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