'सर्जिकल स्ट्राइक' पर विवादित बयान देकर फंसे दिग्विजय सिंह, कमलनाथ ने भी छोड़ा साथ
मध्यप्रदेश। भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे बवाल मच गया है, सर्जिकल स्ट्राइक वाले बयान पर बढ़ता विवाद देख कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अकेला छोड़ दिया है। हाल ही में अब मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बयान देते हुए दिग्विजय सिंह के बयान से किनारा किया है।
कमलनाथ ने भी दिग्विजय के बयान से किया किनारा:
दिग्विजय सिंह के सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगने के बयान से मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी किनारा कर दिया। इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि पार्टी का बयान आ चुका है कि वह दिग्विजय सिंह की "व्यक्तिगत राय" है, जो पार्टी का स्टैंड वह मेरा स्टैंड है।
कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को सीएम के सर्कस बताने पर कमलनाथ का पलटवार
साथ ही कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को सीएम शिवराज के सर्कस बताने पर कमलनाथ ने पलटवार किया है। कमलनाथ ने कहा कि, उन्हें क्यों चिंता हमारे संगठन की, वो डर गए हैं ,घबरा गए हैं बौखला गए हैं, शिवराज जी के मुंह से घटिया बातें निकल रही है। नई कार्यकारिणी को लेकर हो रहे विवाद पर कमलनाथ ने कहा है कि, एक दो जगह ऐसा होता है ,दो माह बाद देखेंगे जो काम नही कर रहे उन्हें हटायेंगे भी।
आगे सीएम के कांग्रेस पर लगाए आदिवासी विरोधी होने के आरोप पर कमलनाथ ने कहा है कि, झूठ के अलावा कुछ नहीं, मध्य प्रदेश की जनता और आदिवासी गवाह हैं कि हमने क्या क्या किया। आज हर वर्ग परेशान घूम रहा है, और यह कमलनाथ की आलोचना करते है... घटिया स्तर पर आ गए है। सीएम के कांग्रेस में पाकिस्तान का डीएनए बताने पर कमलनाथ ने कहा है कि, कांग्रेस के DNA की बात न करें, जनता सब जानती है कांग्रेस का DNA क्या है।
इधर आदिवासी कांग्रेस और सेवा दल की बैठकों पर बोले कमलनाथ- समय समय पर बैठकें होती रहतीं है, आदिवासियों में भील भिलाला कोल गोंड सबकी अलग-अलग मांगे है, वचन पत्र बना रहे हैं मध्य प्रदेश में आदिवासी बहुल प्रदेश है, उनका अधिकार बनता है सबसे ज़्यादा प्राथमिकता उन्हें मिलें। धीरेंद्र शास्त्री द्वारा हिन्दू राष्ट्र बनाने के बयान पर बोले कमलनाथ- देखिए सबके अपने अपने विचार हैं, लेकिन, अगर भारत को एक झंडे के नीचे रहना है तो बहुत बड़ी आवश्यकता है कि, हम भारत की संस्कृति और भारत के संविधान का पालन करें।
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