मुख्यमंत्री की योजनाओं पर वित्त विभाग का अड़ंगा, 2300 करोड़ से अधिक के विकास कार्य अटके
भोपाल। चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की योजनाओं पर वित्त विभाग ने अड़ंगा लगा दिया है। मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास के चौथे चरण के लिए करीब दो हजार करोड़ रुपए एक साल से मंजूर नहीं किया है। इस राशि से कम्युनिटी हॉल, पार्क, खेल मैदान, ग्रीन एरिया व सड़कों समेत अन्य कार्य किए जाना हैं। वहीं सड़कों के सुधार के कायाकल्प अभियान के लिए भी अब तक 400 करोड़ रुपए नहीं दिया है। इस तरह 2300 करोड़ से अधिक लागत के विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
शहरी क्षेत्रों में सड़कों, नाली जैसा बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम इंफ्रा योजना की शुरुआत की थी। इसके पहले चरण में 1034 करोड़ रुपए मंजूर किया गया था। इस राशि से भोपाल, इंदौर समेत सभी निकायों में काम हुए थे। फिर दूसरे चरण में 1300 करोड़ रुपए शासन की ओर से दिया गया। इसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई और सीएम इंफ्रा का बजट घटा कर महज 536 करोड़ रुपए कर दिया गया।
अब सीएम इंफ्रा फेज 4 पर अमल किया जाना है। इस बार योजना में यह बदलाव किया गया कि सड़कों के लिए कम राशि प्रस्तावित की गई है क्योंकि कायाकल्प में यह काम हो रहा है। चौथे चरण के लिए नगरीय विकास विभाग ने एक साल पहले करीब दो हजार करोड़ रुपए की मांग वित्त को भेजी थी। यह राशि अब तक मंजूर नहीं हो पाई है। इसको लेकर नगरीय विकास और वित्त विभाग के आला अफसरों के बीच बैठकों का दौर चल रहा है।
750 करोड़ मंजूर, 350 करोड़ मिला, कैसे सुधरेंगी सड़कें
प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में बारिश व अन्य कारणों से खराब हुई सड़कों की मरम्मत व नवीनीकरण के लिए मुख्यमंत्री ने पिछले साल दिसंबर में कायाकल्प अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने इस साल फरवरी में सभी नगरीय निकायों की सड़कों के लिए 750 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। इसके साथ ही सीएम ने सभी शहरों में सड़कों की मरम्मत का कार्य बारिश के पहले पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था। बीटी सड़कें 30 जून तक बनाई जाना हैं। ऐसा हो पाने की संभावना कम है। इसके पीछे वजह यह है कि कायाकल्प अभियान के लिए अब तक 350 करोड़ रुपए ही मिल पाया है।
बाकी 400 करोड़ रुपए की मंजूरी वित्त विभाग के पास अटकी है। यह राशि मिले बगैर सभी सड़कें सुधारने की सीएम की मंशा पूरी नहीं हो पाएगी। इस बीच 10 जून तक वर्क ऑर्डर न करने वाले निकायों के कार्य निरस्त करने के निर्देश विभाग की ओर से दिए गए हैं। यह राशि अन्य जिलों को ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है। इससे भोपाल समेत अन्य निकायों की दिक्कत और बढ़ गई है। हालत यह है कि राजधानी में कुछ सड़कों के लिए अब तक निर्माण एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है।
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