Lift Hospital
Lift HospitalSocial Media

Gwalior : मरीजों की जगह परिजनों को ढो रही अस्पताल की लिफ्ट, मजबूरी में मरीजों को करना पड़ रहा रैम्प का उपयोग

दो लिफ्ट मरीजों के लिए और दो लिफ्ट चिकित्सकों के लिए आरक्षित की गई हैं। डॉक्टरों के लिए आरक्षित लिफ्ट पर तो सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है। लेकिन, मरीजों वाली लिफ्ट पर कोई भी कर्मचारी पदस्थ नहीं है।

ग्वालियर। हजार बिस्तर अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए दो लिफ्ट लगाई गई हैं। लेकिन, यह दोनों लिफ्ट मरीजों की जगह परिजनों को ढोने का काम कर रही हैं। असल, मरीज हैं उन्हें इस लिफ्ट का फायदा नहीं मिल पा रहा है। वह रैम्प के जरिये ही वार्डों में पहुंच रहे हैं। यदि प्रबंधन इस पर अंकुश लगाए तो इसका फायदा मरीजों को मिल सकता है। 

397 करोड़ की लागत से हजार बिस्तर अस्पताल को तैयार किया गया है। मरीजों की सुविधा के लिए इसमें दो लिफ्ट मरीजों के लिए और दो लिफ्ट चिकित्सकों के लिए आरक्षित की गई हैं। डॉक्टरों के लिए आरक्षित लिफ्ट पर तो सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है। लेकिन, मरीजों वाली लिफ्ट पर कोई भी कर्मचारी पदस्थ नहीं है। इस वजह से मरीजों वाली लिफ्ट मरीजों के स्थान पर उनके परिजनों को ढोने का काम कर रही है। परिजन भी रैम्प और सीढ़ियों का उपयोग करने की जगह लिफ्ट का उपयोग वार्डों में पहुंचने के लिए कर रहे हैं। मरीजों के स्थान पर परिजनों के द्वारा लिफ्ट का उपयोग करने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वह रैम्प के जरिये वार्डों तक पहुंच रहे हैं। 

जेएएच में लगी लिफ्ट हो ना जाए कंडम

लाखों रूपए खर्च कर प्रबंधन ने जयारोग्य अस्पताल के पत्थर वाले भवन में नई लिफ्ट लगवाई थी। अब उस भवन में संचालित होने वाले विभाग हजार बिस्तर अस्पताल में संचालित हो रहे हंै। इस कारण लिफ्ट का उपयोग भी नहीं हो रहा। यदि यह लिफ्ट इसी प्रकार बंद पड़ी रही तो आने वाले दिनों में कंडम हो जायेगी। इससे बेहतर होगा कि कॉलेज-अस्पताल प्रबंधन इस लिफ्ट का उपयोग कहीं और करे। ताकि इस लिफ्ट का  लाभ मरीजों को मिल सके। 

स्ट्रेचर की परेशानी यहां भी

अभी तक स्ट्रेचर न मिलने की परेशानी जयारोग्य और माधव डिस्पेंसरी अस्पताल में ही बनी थी। अब हजार बिस्तर में भी मरीजों के परिजन स्ट्रेचर के लिए परेशान हो रहे हैं। हालांकि स्ट्रेचर के लिए परेशान होने के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि मरीज जहां से स्ट्रेचर लेता है वहां आकर रखता नहीं है। बीच अस्पताल में कहीं भी स्ट्रेचर छोड़कर चला जाता है। इससे मुख्य गेट पर स्ट्रेचर का अभाव बना रहता है। 

पार्किंग का हाल भी बेहाल

संभागायुक्त दीपक सिंह ने गत दिवस जीआर मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इसमें चिकित्सकों ने सबसे बड़ी परेशानी व्यवस्थित पार्किंग की बताई थी और कहा था कि हमारी अलग से पार्किंग व्यवस्था नहीं है। इस पर संभागायुक्त ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि पार्किंग की व्यवस्था को दुरूस्त किया जाए। दस दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी हजार बिस्तर अस्पताल की पार्किंग व्यवस्था को दुरूस्त नहीं किया गया है। इससे अब भी चिकित्सकों को वाहन पार्क करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com