निगम के 72 वाहन खराब, कैसे सुधरे कचरा प्रबंधन
निगम के 72 वाहन खराब, कैसे सुधरे कचरा प्रबंधनShahid

Gwalior : निगम के 72 वाहन खराब, कैसे सुधरे कचरा प्रबंधन

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : मंगलवार को प्रभारी निगमायुक्त आशीष तिवारी द्वारा कार्यशाला की बैठक ली गई। उन्होंने निर्देश दिए कि अभी 172 टिपर कचरा उठा रहे हैं, इनकी संख्या अगले 15 दिन में 200 हो जानी चाहिए।

हाइलाइट्स :

  • निगमायुक्त ने कार्यशाला की बैठक लेकर वाहन ठीक कराने के दिए निर्देश

  • अभी 172 वाहन चल रहे हैं जिन्हें 15 में 200 किया जाना है

  • कचरा ट्रांस्फर स्टेशनों से 3 दिन अभियान चलाकर हटाए जायेंगे ढेर

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शहर की सफाई पटरी से उतर गई है। इसका मुख्य कारण निगम के 72 वाहनों का खराब होना है। इसमें टिपर, जेसीबी और डम्फर सहित अन्य वाहन शामिल हैं। मंगलवार को प्रभारी निगमायुक्त आशीष तिवारी द्वारा कार्यशाला की बैठक ली गई। उन्होंने निर्देश दिए कि अभी 172 टिपर कचरा उठा रहे हैं, इनकी संख्या अगले 15 दिन में 200 हो जानी चाहिए। जो वाहन खराब हैं उन्हें जल्द से जल्द सही कराएं।

बाल भवन में मंगलवार दोपहर 12.30 बजे कार्यशाला की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रभारी निगमायुक्त आशीष तिवारी द्वारा कचरा प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने पूछा कि आखिर सफाई व्यवस्था ठीक किस तरह होगी। समय पर डोर टू डोर घरों पर पहुंचे और ट्रांस्फर स्टेशनों से भी समय पर कचरा उठा जाए इसके लिए क्या करना होगा। इसके जबाव में अधिकारियों ने कहा कि कचरा प्रबंधन की व्यवस्थाएं अलग-अलग स्तर पर संभालनी होगी तभी कार्य ठीक तरह से हो पायेगा। साथ ही खराब वाहनों को सही करना आवश्यक है ताकि संख्या बढऩे पर अधिक एरिया कवर किया जा सके। प्रभारी निगमायुक्त ने पूछा कि आखिर निगम की कार्यशाला में वाहनों को ठीक क्यों नहीं किया जा रहा। इसके जबाव में कार्यशाला प्रभारी शैलेन्द्र सक्सेना ने कहा कि दो साल से संधारण उपकरणों के टेण्डर ही नहीं हुए हैं। इसी वजह से हमें वाहन बाहर से ठीक कराने पड़े रहे हैं जिसमें समय लग रहा है। प्रभारी निगमायुक्त ने कहा कि वाहन संधारण के लिए जो आवश्यक टेण्डर हैं वह जल्द कराए। अभी 172 टिपर चल रहे हैं जिनकी संख्या 15 दिन में 200 हो जानी चाहिए। बैठक में अपर आयुक्त संजय मेहता, अपर आयुक्त वित्त देवेन्द्र पालिया, कार्यपालन यंत्री अतिबल सिंह, कार्यशाला प्रभारी शैलेन्द्र सक्सैना, डिपो प्रभारी अमित गुप्ता, गौरव परिहार एवं सतेन्द्र सौलंकी उपस्थित थे।

इस तरह सुधरेगी व्यवस्था :

बैठक में हुई चर्चा में अधिकारियों ने बताया कि कचरा प्रबंधन में अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी होगी। टिपर का संचालन डब्लूएचओ देखे, सेकेन्ड्री वेस्ट वाहन सफाई दरोगा देखें और जेसीबी डम्फर की व्यवस्था सहायक स्वास्थ्य अधिकारी देखे। इससे तीनों स्तर पर सतत् मॉनिटरिंग होगी और व्यवस्था अपने आप सही हो जायेगी। प्रभारी निगमायुक्त ने अपर आयुक्त संजय मेहता को पूरी प्लानिंग बनाने के निर्देश दिए। साथ ही तीन दिन अभियान चलाकर ट्रांस्फर स्टेशन से कचरा उठाने के लिए भी कहा गया।

कार्यशाला के कितने वाहन सही कितने खराब :

  • नगर निगम की कार्यशाला में 222 टिपर हैं जिसमें से 172 चालू हैं।

  • कचरा उठाने वाले कुल डम्फर 22 हैं जिसमें से 2 खराब हैं।

  • जेसीबी की संख्या 21 है जिसमें 11 निगम की और 10 निजी हैं। इसमें 4 खराब पड़ी हैं।

  • जेटिंग मशीनों की संख्या 21 है जिसमें से 3 खराब हैं।

  • सेकेन्ड्री वेस्ट के वाहनों की संख्या 50 है। इसमें टैक्ट्रर ट्रॉली, बुलेरो, मिनी आयसर एवं बड़ी खुली टिपर शामिल हैं। इसमें 11 वाहन खराब पड़े हैं।

  • पूर्व डिपों पर 22, ग्वालियर डिपों पर 21 एवं दक्षिण डिपों पर 29 वाहन खराब हैं।

इनका कहना है :

कचरा प्रबंधन को बेहतर करने में मशीनों का अहम योगदान हैं। हमारे अभी कई वाहन खराब हैं जिन्हें सही कराने के निर्देश दिए गए हैं। अगले 15 दिनों में व्यवस्था बेहतर हो जायेगी। हम पूरी प्लानिंग के साथ काम करेंगे।

आशीष तिवारी, प्रभारी निगमायुक्त

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